झांसी। महिला के साथ छेड़छाड़ व‌ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी का जमानत प्रार्थनापत्र
प्रभारी सत्र न्यायाधीश जयतेन्द्र कुमार के न्यायालय में निरस्त कर दिया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार पीड़िता द्वारा ०१ जुलाई २०२३ को तहरीर देते हुए बताया था कि बिट्टू पाखरे पुत्र अरविन्द पाखरे ने कई बार छेड़खानी की थी और एक दिन पूरा परिवार किसी समारोह में गया हुआ तो भी बिट्टू पाखरे ने मुझे अकेला जानकर मेरे घर आया और मुझसे जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाकर बलात्कार किया था, जैसे ही मेरे माता पिता भाई समारोह से घर आये तो यह तत्काल मेरे घर से बाहर गया। इस बात को जब मेरे पिता ने अरविन्द पाखरे से कहा कि मैं तुम्हारी रिपोर्ट पुलिस में करने जा रहा हूँ, इस पर अरविन्द पाखरे ने मेरे कहा कि लड़के से गलती हो गयी है। मैं तुम्हारी लड़की से अपने लड़के की शादी कर लूँगा, कुछ समय गुजरने के बाद जब मेरे माता-पिता ने शादी के लिए कहा तो धोखे से उसकी पत्नी सुमन पाखरे ने मुझे जहरीला पदार्थ खिला दिया, जब मेरी तबियत अधिक बिगड़ गयी, तब मेरे माता पिता ने २२ फरवरी २०२२ को आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। इलाज के दौरान बिट्टू, उसके पिता व उसकी माँ मेडिकल कॉलेज पहुँचे और समझाने लगे कि बेटा से गलती हो गयी, उसे क्षमा कर दो आगे पुलिस रिपोर्ट न करो, तुम ठीक हो जायेगी तो तत्काल बेटे से शादी करा दूँगी।
उक्त तहरीर पर अभियुक्तगण बिट्टू पाखरे एवं श्रीमती सुमन पाखरे के विरूद्ध कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया। उक्त मामले में अभियुक्त आदर्श पाखरे उर्फ बिट्टू द्वारा धारा ३७६, ३५४भा०दं०सं०के तहत प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई उपरांत पर्याप्त आधार नहीं पाते हुए न्यायालय द्वारा प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया।