सोशल मीडिया की पहल पर जागी मानवता पेड़ से जंजीरों बंधकर जी रहा है अपनी जिंदगी

झांसी। जिले के मऊरानीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कंजा में पहाड़ी पर पेड़ के तना से पिछले करीब 10 साल से अधिक समय से रस्सी और जंजीरों से जकड़े विक्षिप्त को आखिर कर रविवार को मुक्ति मिल ही गई। कड़ी धूप, गर्मी, बरसात, सर्दी सभी मौसम में पेड़ से बंधी जिंदगी को बचाने में सोशल मीडिया की पहल रंग लाई। सोते से जागे प्रशासन ने मानवीय संवेदना दिखाई और उसे मुक्त करा कर उपचार हेतु भर्ती कराया।

तहसील मऊरानीपुर के गांव कंजा चितावत निवासी विक्षिप्त अधेड़ सामंतु उर्फ बटई उर्फ बेटी करीब 10 साल से जंजीरों में जकड़कर पेड़ से बांधकर रखा गया था। आर्थिक तंगी के चलते चितावन निवासी परिजन उसका इलाज नहीं करा सके थे। बताया गया कि उसे खुला छोड़ देने पर वह पत्थर, लकड़ी उठाकर लोगों को मारता है। कई लोगों को घायल कर चुका था। कई को तो अस्पताल तक ले जाना पड़ा। गांव में दहशत थी। शिकायत करने पर परिजनों से झगड़ा होता था। लगातार शिकायतों से आजिज हो चुके परिजनों ने कड़ा कदम उठाया और उसे पहाड़ी पर ले जाकर एक पेड़ से बांध दिया। परिवार के लोग उसे वहीं खाना-पानी पहुंचा देते थे, । 46 डिग्री की तपती गर्मी में वह झुलसता है तो 2 से 3 डिग्री में कुड़कुड़ाता भी है। उसके बदन पर न तो कपड़े हैं और न ही छांव की कोई व्यवस्था। करीब 10 साल से वह बिन कपड़ों के वहीं बंधा है। सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम की मार झेलता हुआ वहीं पड़ा रहता है। बटई को चिलचिलाती धूप में बंधा देख हर कोई मन मसोस कर रह जाता था।

उसकी इस दयनीय हालत सोशल मीडिया के कैमरा में कैद हो कर सनसनी मच गई। खबर के ट्रैंड होते ही पुलिस व प्रशासनिक अमले में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में अधिकारी पहाड़ी पर पहुंचे और सामंतु को जंजीरों से मुक्त कराया और उसे एम्बुलेंस में लाद कर उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती करा दिया। तहसीलदार ने बताया कि उसका इलाज किया जाएगा और जो चिकित्सक सलाह देगा उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल ग्रामीणों व परिजनों को सामंतु के ठीक होने की उम्मीदों के पर लग गये हैं। सभी सोशल मीडिया की तारीफ करते नहीं थक रहे।