वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर हुए ऱंगारंग कार्यक्रम, प्रतिभागी पुरस्कृत 

झांसी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, खजुराहो और डबरा स्टेशनों के पुनर्विकास करने का शिलान्यास (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) किया गया।

भारतीय रेलवे ने उत्तर प्रदेश में आधारभूत रेल संरचना को उन्नत करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में राज्य में 1,66,000 करोड़ से रुपए से अधिक की 5407 रेल परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इस साल के बजट में उत्तर प्रदेश को रिकॉर्ड 17,507 करोड़ रुपए का आवंटन मिला है और राज्य में 156 स्टेशनों को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशनों के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसी क्रम में प्रधान मंत्री द्वारा 6 अगस्त को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी गई।

इस अवसर पर वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय MSME राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, झांसी ललितपुर सांसद श्री अनुराग शर्मा, कॉरपोरेट निदेशक(पावर ग्रिड) राम नरेश तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम, विधायक झांसी सदर रवि शर्मा, विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत, पूर्व मेयर रामतीर्थ सिंघल, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन व अन्य गणमान्य नागरिक सहित झांसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा, अपर मंडल रेल प्रबंधक ( परिचालन) आर डी मौर्य , प्रशासन के अधिकारी सहित रेलवे के अधिकारीगण और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक शशिकांत त्रिपाठी ने किया।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्कूल के बच्चों , स्थानीय लोक कलाकारों और स्काउट्स एवम् गाइड्स द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के उपरांत इस अवसर पर स्कूलों में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रतिभागियों मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा पुरस्कृत किया गया।

पुनर्विकास से यह होगा बदलाव वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन के पुनर्विकास व उच्चीकरण हेतु सम्मिलित प्रमुख बदलाव निम्नानुसार है : स्टेशन का डिजाईन झाँसी किले और रानी महल से प्रेरित है‌

• वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन का पुनर्विकास रु. 477.55 करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जाएँगी |
• स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 साल की संभावित आवश्यकताओं के दृष्टिगत किया जा रहा है
• स्टेशन की दूसरी एंट्री के लिए सिटी प्लानर के अनुसार दूसरी एंट्री और सर्कुलेटिंग एरिया का विकास जिसमें दोनों तरफ में वृहद पार्किंग स्थल का प्रावधान रहेगा |
• स्टेशन पर 36 लिफ्टों, 19 एस्केलेटर्स के अतिरिक्त 02 ट्रैविलेटर की सुविधा उपलब्ध होगी
• स्टेशन पर पीक घंटों में 6093 के स्थान पर 17061 यात्रियों की वहन क्षमता |
• स्टेशन पर नए अत्याधुनिक जन सुविधा युक्त,अधिक क्षमता वाले प्रतीक्षालय का प्रावधान |
• एक बार में 298 यात्रियों को बैठाने की क्षमता वाला AC लाउन्ज के साथ-साथ पश्चिम सर्कुलेटिंग क्षेत्र में 98 यात्रियों की क्षमता वाला नॉन AC लाउन्ज का प्रावधान किया जायेगा |
• स्टेशन पर 8920 वर्ग मीटर के कमर्शियल एक्टिविटीज की सुविधाएं |
• लगभग 2500 KWP के सोलर पैनल के माध्यम से स्टेशन को ऊर्जा प्रदान की जाएगी |
• यात्रियों को गाड़ियों के समय से सम्बंधित सूचना प्रदान करने हेतु 10 बड़ी वीडियो वाल का प्रावधान |
• भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत इलेक्ट्रिकल व्हीकल पॉवर चार्जिंग पॉइंट का प्रावधान |
• रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान |
• स्टेशनों की लैंड स्केपिंग, भूनिर्माण, हरे पैच और स्थानीय कला।
• स्टेशन को दिव्यांगजन की सुगमता के दृष्टिगत विकसित किया जायेगा |

गौरतलब है कि स्टेशन पर सुविधाओं के विस्तार व उच्चीकरण के क्रम में “अमृत भरत स्टेशन स्कीम” के अंतर्गत प्रथम चरण में कुल 16 स्टेशन पुनर्विकसित किये जाने हेतु चयनित किये गए हैं जिसमें डबरा स्टेशन के अतिरिक्त बांदा, मुरैना, महोबा, चित्रकूट धाम कर्वी, दतिया, ललितपुर, उरई, पुखरायां, घाटमपुर, भिंड, हरपालपुर, टीकमगढ़, छतरपुर ओरछा एवं श्योपुरकलां सम्मिलित हैं | मंडल द्वारा द्वितीय चरण में विकसित किये जाने वाले अन्य 14 स्टेशन में अतर्रा, बबीना, बेलाताल, भरुआसुमेरपुर, कालपी, कुल्पहाड, मऊरानीपुर, निवाड़ी, रागौल, तालबेहट, एट, हमीरपुर रोड, कोंच एवं शनिचरा हैं।