20 साल पुराने मामले में मिला न्याय

झांसी। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) सुयश प्रकाश श्रीवास्तव की अदालत ने फिरौती के लिए वैन चालक के अपहरण का आरोप सिद्ध होने पर दस्यु निर्भय सिंह गुर्जर के दो गुर्गों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने 20 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया।

विशेष लोक अभियोजक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि जालौन जिले के सिरसाकलां थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष अनूप कुमार निगम ने नवाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि वह 21 अगस्त 2003 को अपनी टीम के साथ गोरापुर पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान झांसी की ओर से आई एक वैन को रोका गया तो वैन के अंदर एक व्यक्ति लेटा था, जबकि एक गाड़ी चला रहा था और तीन लोग उसमें बैठे हुए थे। पूछताछ पर उन्होंने बताया कि लेटा हुआ व्यक्ति मरीज है, जिसका इलाज कराने वे न्यामतपुर जा रहे हैं। संदेह होने पर पुलिस ने जब गहराई से पूछताछ की तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर पुलिस ने वैन में लेटे हुए व्यक्ति पर पानी के छींटे मारे तो वह होश में आ गया। उसने अपना नाम झांसी के मेहंदीबाग निवासी सुनील कुमार रजक बताया। उसने बताया कि यह वैन उसकी है।
उसने कहा कि वैन में बैठे चारों युवक 20 अगस्त 2023 को दोपहर तकरीबन ढाई बजे सीता होटल के पास मिले थे। ये लोग बोले कि वह ओरछा दर्शन के लिए जाना है। इस पर किराया लेकर चारों को वैन में बैठा लिया। ओरछा में दर्शन करने के बाद उनको कुचबंधिया बाबा बरल ले जाने लगा। चिरगांव के पास एक होटल पर चारों ने गाड़ी रुकवाई। फिर मुझे प्रसाद खिलाया और चारों ने बियर पी। मुझे भी एक गिलास में कोई नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। उसके बाद मुझे कुछ होश नहीं रहा।
इस पर पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम दिनेश कुमार गुप्ता उर्फ टिल्लू, पान सिंह, रामदास और अखिलेश बताए। अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि वह चारों निर्भय सिंह गुर्जर गैंग के सदस्य हैं। उन्होंने सुनील कुमार को नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश किया था। उसका अपहरण कर वह निर्भय सिंह गुर्जर गैंग को सौंपने जा रहे थे। इसके बाद सुनील के घरवालों से फिरौती की रकम वसूलना था। इसके बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त जालौन के ग्राम पाल सिरसानागर निवासी पान सिंह और कानपुर के थाना मंगलपुर के ग्राम बड़ागांव निवासी अखिलेश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया, जिसकी अदायगी न करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास का भुगतना होगा। जबकि, इस घटना के दो अन्य अभियुक्त दिनेश कुमार गुप्ता उर्फ टिल्लू और रामदास न्यायालय में लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं।