भोगनीपुर के स्थान पर विपरीत लाइन बीना पर पहुंचना रहस्य बना 

झांसी। झांसी जीआरपी के कंट्रोल रूम में तैनात हेड कांस्टेबल अवकाश पर घर जाने निकला था, किंतु उसका शव बीना रेल लाइन किनारे में पड़ा मिला। जबकि, यहां जीआरपी उसकी गुमशुदगी दर्ज कर तलाश में जुटी हुई थी।
उप्र के भोगनीपुर के बरौर के महोलिया गांव निवासी जितेंद्र यादव (30) झांसी जीआरपी के कंट्रोल रूम में तैनात था। वह 18 अगस्त को घर जाने के लिए छुट्टी लेकर निकला था। उसने घर आने की सूचना अपने पिता बाबू सिंह को भी दी थी। लेकिन, वह घर नहीं पहुंचा और मोबाइल भी बंद जा रहा था। इस पर पिता उसकी तलाश करते हुए झांसी पहुंच गए। यहां भी काफी खोजबीन की गई, परंतु पता नहीं चल पाया।

इस पर जीआरपी झांसी थाने में हेड कांस्टेबल की गुमशुदगी दर्ज कर ली गई थी। जांच पड़ताल के दौरान जीआरपी को जितेंद्र का बैग भोपाल में पड़े होने की सूचना मिली। जबकि, शव लावारिस हालत में बीना में रेलवे ट्रैक के पास पड़ा पाया गया। जीआरपी ने इसकी जानकारी जितेंद्र के परिजनों को दी। उन्होंने वहां पहुंचकर शव की शिनाख्त की। इसके बाद परिजनों ने शव को गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया। इस मामले में सवाल उठता है कि हेड कांस्टेबल जितेंद्र यादव को भोगनीपुर जाना था, किंतु वह बीना कैसे पहुंचा क्योंकि यह उसके गांव जाने के रास्ते के विपरीत है। बैग भी भोपाल में मिलना सवाल खड़े करता है। इस मामले में गहराई से जांच होने पर स्थिति साफ हो सकती है।