झांसी। पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री और झांसी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बीड़ा द्वारा ली गयी जमीन से ग्रामीणों को होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। उन्होंने लिखा कि बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीड़ा) के लिए रक्सा क्षेत्र के शिवपुरी हाईवे के डोमागोर, पुनावली कला, गेवरा, सिमरा, सारमउ, कलौथरा, परवई, पाली, पाली पहाड़ी, ढ़िकौली, कोटखेरा, अंबावाय, सिजवाहा, डगरवाहा, वमेर, वाजना, राजापुर, बछौनी, परासई, इमिलिया, अमरपुर, गागौनी, बदनपुर, बसाई, खैरा, बैदोरा, चमरौआ, खजराहा बुजुर्ग, खजराहा खुर्द, मुरारी, किल्चुवारा बुजुर्ग, मथुरापुरा, रक्सा, बरूआपुरा, सफा व किल्चुवारा खुर्द आदि 36 गांवों की लगभग 35 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गयी है। चिन्हित जमीन के स्वामी ग्रामीणों से आपसी समझौते के आधार पर बैनामे कराये जायेंगे। औद्योगिक विकास की इस परियोजना को केबिनेट के द्वारा मंजूरी भी दे दी गयी है। जल्द ही ज़मीन लेने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इन ज़मीनों के एवज में ग्रामीणों को पुराने सर्किल रेट से ज़मीन की क़ीमत अदा की जायेगी। इस संबंध में यह कहना है कि प्रस्तावित ज़मीन के आस-पास के गंावों की ज़मीन के सर्किल रेट अभी हाल में ही रिवाइज़ किए गए हैं लेकिन जिन गांवों की ज़मीनों को बीड़ा के लिए लिया जाना हैं इन गांवों के सर्किल रेट रिवाइज़ नहीं किए गये है। इस लिये यहां निवास कर रहे ग्रामीणों के अन्दर बहुत अधिक रोष व्याप्त है और वे अपने आपको छला व ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

बीड़ा द्वारा प्राधिकरण के लिए जिन गांवों की जमीनें ली जा रही है, वहां के ग्रामीणों की यह मांग है कि इनकी ज़मीनें बीड़ा के खरीदने से पहले इन गांवों की ज़मीनों के सर्किल रेट रिवाइज्ड़ करने के उपरान्त नये सर्किल रेट से ही इन गांवों की ज़मीनें खरीदी जाए ताकि ग्रामीणांे को उनकी ज़मीन का सही मूल्य मिल सके और उनके साथ कोई अन्याय न हो सके।

इस संबंध में उन्होंने प्रस्तावित किया कि ज़मीन लेने के पहले प्रशासन और ग्रामीणवासियों की आपसी वार्ता के लिए एक समिति बनायी जाए ताकि सभी मसलों का हल समिति के माध्यम से किया जा सके और ग्रामीणों की आवाज़ प्रशासन तक आसानी से पहुॅच सके।