झांसी। जिले के थाना नवाबाद क्षेत्र के शिवाजी नगर में साफ्टवेयर इंजीनियर शिवम उर्फ लव वर्मा की पत्नी दीपशिखा (24) ने बुधवार को घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या प्रकरण में खुदकुशी करने से पूर्व दीपशिखा द्वारा लिखित दो पन्नों के सुसाइड नोट में जिंदगी में पति द्वारा दिए गए दर्द से बनते बिगड़ते रिश्तों और न्याय की मांग ने भावुक कर दिया है।
आत्महत्या के बाद दीप शिखा द्वारा लिखित सोसाइड नोट की भाषा में उसने बेहद भावुक अंदाज ने उसने सुसाइड नोट में पति लव के साथ के रिश्तों के बारे में बताया। पहले पन्ने में उसने अपने लिए न्याय की गुहार लगाते हुए लिखा कि मुझे न्याय चाहिए। अगर सीबीआई जांच भी करवानी पड़े, तब वह भी करवाई जाए। दुखमयी दांपत्य जीवन के बारे में लिखा कि लव ने कदम-कदम पर धोखा दिया। मुझसे हमेशा झूठ बोला। मेरे साथ बेरहमी की। मेरे प्राइवेट पार्ट तक पर हमला किया लेकिन, मैंने हमेशा उसे माफ किया।
पत्र में लिखा की शादी के बाद नौकरी भी चली गई। हर बार वह झूठ बोलता रहा। उसने हमेशा मेरा इस्तेमाल किया। मुझे जिसका शक था, वह यकीन में बदल गया। जिंदगी में परेशानी और आंसू के सिवाय कुछ नहीं मिला। पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर मामले की विवेचना कर रही है। पुलिस इस सुसाइड नोट का भी परीक्षण करा रही है।
गौरतलब है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिवम की पत्नी दीप शिखा ने 22 दिन पहले भी जहर का सेवन कर लिया था, लेकिन तब उसे बचा लिया गया था। पिता ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी का दहेज की खातिर उत्पीड़न किया जा रहा था, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। एरच थाना इलाके के ग्राम पठा निवासी महेंद्र कुमार गरौठा तहसील में तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि 11 जून 2022 को बेटी दीपशिखा (24) की शादी उरई के पटेल नगर निवासी दिल्ली में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर शिवम उर्फ लव वर्मा के साथ धूमधाम से की थी। लेकिन, शादी के बाद ही ससुराली जन दहेज की खातिर बेटी का उत्पीड़न करने लगे थे। वे अक्तूबर 2023 में मारपीट कर बेटी को मायके छोड़ गए थे। तब एरच थाने में पति समेत अन्य ससुराल वालों पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके कुछ दिन बाद ही पति ने राजीनामा कर लिया।
महेंद्र कुमार ने बताया कि वह शिवाजी नगर में किराए के घर में रहते हैं। समझौते के बाद बेटी दीपशिखा और दामाद उन्हीं के साथ रहने लगे थे। बाद में दोनों सीपरी बाजार में किराए पर कमरा लेकर रहने लगे थे। इसके बाद वे एक शादी में शामिल होने के लिए उरई गए थे। वहां दीपशिखा को उसकी मौसी के घर पर छोड़कर पति भाग आया था। 17 अप्रैल को बेटी झांसी आई तो मकान मालिक ने कमरे की चाबी नहीं दी। इससे दुखी होकर उसने सखी के हनुमान मंदिर के पास जहर खा लिया था। तब उसे पुलिस ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। इलाज के बाद बेटी ठीक हो गई और उसे घर पर ले गए थे।
पिता ने बताया कि वह ड्यूटी पर गया था। घर में दीपशिखा, छोटा भाई अनुभवी और बहन महिमा थी। शाम के समय महिमा छत पर चली गई। जबकि अनुभवी कमरे में सो रहा था। इसी दरम्यान दीपशिखा ने पहले जहर खाया और फिर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब अनुभवी जगा तो बहन फंदे पर लटकी थी। पिता ने बताया कि दीपशिखा बीएससी तक पढ़ी थी। बेटी ने ससुराल वालों से परेशान होकर जान दी है।









