– झांसी स्टेशन परिसर में घटना, एसएसपी पहुंचे, एक दर्जन पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की तलवार 

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर उस समय अफरातफरी मच गई जब मंगलवार को जिला कारागार से रेलवे न्यायालय पेशी के लिए आये तीन विचाराधीन बंदी पुलिस अभिरक्षा में पुलिस की गाड़ी से रफूचक्कर हो गये। एस एस पी राजेश एस ने रेलवे न्यायालय पहुंच कर घटनाक्रम की जानकारी ली। इस मामले में लापरवाही पर एक दर्जन पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की गाज गिरी है। पुलिस टीमें फरार बंदियों की तलाश में जुटी हुई हैं। तीनों बंदी मध्यप्रदेश के निवासी हैं।

दरअसल, मध्यप्रदेश के करैरा निवासी 28 वर्षीय बिजेंद्र उर्फ हज़रत, ग्वालियर हजीरा के रेशम मिल पुरानी लाइन निवासी 20 वर्षीय शैलेन्द्र, सागर के थाना रेहली के रेहलरी खगरिया निवासी गया प्रसाद उर्फ गुड्डा को झांसी जीआरपी ने चोरी के माल को बरामद कर गिरफ्तार किया था। इसमें 16 मार्च 23 को बिजेंद्र पर धारा 380/411, 13 जून 23 को शैलेन्द्र पर धारा 380/411, 28 अप्रैल 23 को गया प्रसाद को धारा 379/411 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

मंगलवार को जिला कारागार से चार अन्य बंदियों के साथ उक्त तीनों बंदियों की रेलवे रेलवे न्यायालय में पेशी थी। जिला कारागार से पुलिस वैन से उक्त पांचों बंदियों को यहां पेशी पर लाया गया था। दोपहर में तीनों बंदियों को न्यायालय में पेशी के बाद संबंधित पुलिस कर्मी वैन में बैठा कर बंद करके चले गए। इस बीच तीनों बंदियों ने वैन का दरवाजा किसी प्रकार खोला और स्टेशन परिसर से बाहर की तरफ दौड़ लगा दी।

जब तक पुलिस कर्मियों की नजर पड़ी तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सूत्रों के अनुसार तीनों बंदी दौड़ते हुए स्टेशन तिराहा की तरफ भागे। पुलिस कर्मियों ने उनका पीछा किया, किंतु जब तक वह आंखों से ओझल हो चुके थे। कैदियों के फरार होने की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में एसएसपी राजेश एस रेलवे कोर्ट पहुंच गए।

एसएसपी राजेश एस ने मीडिया को बताया कि बंदियों को पेशी पर जिला कारागार से 12 पुलिस कर्मियों की टीम अभिरक्षा में लेकर आई थी। इसमें 4 उप निरीक्षक, 6 हेड कांस्टेबल, 2 कांस्टेबल शामिल थे। उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने पर उक्त पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

फिलहाल पुलिस टीमें कैदियों की तलाश कर रही हैं। झांसी से सटे मप्र बार्डर को सील कर दिया गया है साथ ही आरपीएफ व जीआरपी को भी अलर्ट कर दिया गया है क्योंकि बंदियों के मप्र के रास्ते या ट्रेन से भागने की संभावना भी है। पुलिस द्वारा स्टेशन परिसर में फूड प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज ली गई है। ख़बर लिखे जाने तक फरार बंदियों का कोई सुराग/सूचना नहीं मिली थी।