हजारों रुपए वेतन वाले कामगारों से विभागीय काम छोड़ सफाई करना चर्चाओं में रहा 

झांसी । उमरे के झांसी मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के पर्सनल विभाग में शुक्रवार को अजब-गजब तमाशा सुर्खियों में रहा। बड़े साहब का फरमान जारी होते ही बेचारे बाबू से लेकर ओएस आदि कार्मिक विभाग की सफाई करते नजर आए। बेचारे रेल कर्मी अपने कार्यों के लिए इधर उधर भटकते हुए साफ़ सफाई खत्म होने का इंतजार करते रहे।

कार्यालय के जिम्मेदार पदों पर आसीन कामगार सभी विभागीय नियमित कामकाज छोड़छाड़ कर कार्यालय की दीवारों, पंखों, अलमारियों, फर्श आदि की सफाई कर चमकाने में जुट गए जबकि कार्यालय में सफाई के ठेका पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं फिर भी…. जिन्हें 70 हजार रुपए से लेकर एक-डेढ़ लाख रुपए वेतन मिलते हैं उनसे साफ़ सफाई का काम लिया गया। विविध क्षेत्रों से आए कर्मचारी अपने कार्मिक विभाग से संबंधित काम के लिए सफाई कर रहे बाबुओं को फुर्सत मिलने का इंतजार करते रहे।

इन हालात के पीछे इलाहाबाद मुख्यालय से पर्सनल (कार्मिक) विभाग के बड़े साहब का सोमवार को दौरा बताया गया है। इस महंगी सफाई व्यवस्था के सोशल मीडिया पर ट्रेण्ड करते ही फ़ोन बजने लगे और आनन-फानन में कामगारों से सफाई बंद करा दी गई, किंतु तब तक काफी सफाई हो चुकी थी। सफाई बंद का आदेश सुनते ही सभी ने राहत की सांस ली। इसके बाद चर्चा का दौर शुरू हो गया। अधिकांश का कहना था कि घर में कभी झाड़ू पोंछा नहीं लगाया, कार्यालय में करना पड़ा…. नौकरी जो कराए वह कम नहीं।