झांसी रेलवे यार्ड से 27 सदस्यीय टीम ने दबोचा फरार ईनामी शैलेन्द्र उर्फ टोपा को

झांसी। शायद ही ऐसा दुस्साहसी बदमाश देखा होगा जो जहां से पेशी के  दौरान पुलिस वैन से रफूचक्कर हो गया और ईनाम घोषित होने के बाद उसी क्षेत्र में वारदात करने लौटा तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया। झांसी में यह कारनामा हुआ तो लोग बदमाश के दुस्साहस की तारीफ करे बिना नहीं रह सके।

दरअसल 19 सितंबर (मंगलवार) को दिन दहाड़े झांसी रेलवे मजिस्ट्रेट न्यायालय के बाहर से खड़ी पुलिस वैन से भागे 3 बंदियों की जीआरपी व सिविल पुलिस की टीमें तलाश में जुटी हुई थीं। तीनों बंदियों पर 25-25 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित कर दिया गया था। इनमें से एक ईनामी शैलेन्द्र उर्फ टोपा निवासी हजीरा ग्वालियर मप्र 25 सितम्बर की रात वारदात की फिराक में फिर से झांसी आया और रेलवे झांसी में कानपुर यार्ड में पहुंच कर मौके का इंतजार करने लगा। जीआरपी की मानें तो फरार बंदियों की खोज में लगीं टीमों को इसकी जानकारी मिल गई बस फिर क्या था टीमों के 27 सदस्यों ने उसे रात लगभग 11 बजे यार्ड में घेर कर दबोच लिया।

सीओ जीआरपी नईम खां मंसूरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए शैलेन्द्र उर्फ टोपा की गिरफ्तारी की जानकारी सिलसिले बार दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास 315 बोर का तमंचा व दो कारतूस बरामद हुए।

सीओ ने बताया कि झांसी से वैन से भागने के बाद शैलेन्द्र व बृजेन्द्र साथ साथ रहे और झांसी स्टेशन के आउटर से किसी ट्रेन में सवार होकर ग्वालियर पहुंच गए। ग्वालियर में काफी समय तक दोनों साथ साथ रहे फिर अलग अलग हो गए थे। उन्होंने बताया कि शैलेन्द्र के अपराधिक इतिहास में 11 मुकदमे हैं। शैलेन्द्र की गिरफ्तारी से जीआरपी को राहत मिली है अब बाकी दो फरार बदमाश टार्गेट पर हैं। उनके भी शीघ्र ही पकड़े जाने की उम्मीद है।