डीएम द्वारा झांसी जिला चिकित्सालय का निरीक्षण, दिव्यांग, बुजुर्ग व चलने फिरने में असमर्थ मरीजों का प्राथमिकता से इलाज के निर्देश
 चिकित्सकों द्वारा बाहर की दवाई लिखने पर कार्यवाही होगी, एक्स-रे के दौरान रजिस्टर में मरीज का मोबाइल दर्ज न करने पर नाराजगी
 झांसी । जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने जिला चिकित्सालय झाॅसी का आकस्मिक निरीक्षण किया और चिकित्सकों से कहा कि मुख्यमंत्री की प्रबल इच्छा है कि स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल जमीनी स्तर तक पहुंचे, समाज के सबसे गरीब व्यक्ति का बेहतर से बेहतर इलाज हो। उसे इलाज के दौरान किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े। आज औचक निरीक्षण का उद्देश्य यही है कि हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
इस दौरान जिलाधिकारी ने जमीन पर बैठे वृद्व मरीज से जमीन पर बैठकर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी ली। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से कहा कि दिव्यांग,वृद्व एवं चलने फिरने में असमर्थ मरीज का प्राथमिकता के आधार पर इलाज किया जाना सुनिश्चित किया जाए, इसके अतिरिक्त उन्हें चश्मा आदि भी प्राथमिकता से बनाया जाए। उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो इसे भी सुनिश्चित करें।
  निरीक्षण के दौरान नेत्र एवं हड्डी रोग कक्ष के बाहर बड़ी संख्या में मरीजों की लाइन देख कर निर्देश दिए गये कि आगामी सभी सम्पूर्ण समाधान दिवस में नेत्र रोग के सम्बन्ध मे कैम्प आयोजित किये जाए, ताकि मरीजों को तहसील दिवस के दौरान चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो सके। नेत्र रोग कक्ष में जिलाधिकारी ने नेत्र चिकित्सकों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि वृद्व, दिव्यांग और ऐसे व्यक्ति जो चलने फैलने में असमर्थ हैं उनके चश्मा तत्काल उन्हें उपलब्ध करा दिए जाएं, उन्हें बार-बार अस्पताल के चक्कर न लगाना पड़े।
 उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन रोगों का इलाज कराने हेतु अधिक संख्या में लोग आते हैं, उनके कक्षों के बाहर होम गार्ड लगाकर आने वाले पुरुष एवं महिलाओं को दो पंक्ति में पंक्तिबद्ध किया जाय।इसके उपरान्त दन्त रोग कक्ष एवं मेल सर्जिकल वार्ड का निरीक्षण किया एवं वहां प्रदान की जा रही चिकित्सीय सुविधाओं को देखा।
 मेल सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों से वार्ता कर दवायें एवं खाना निःशुल्क दिए जाने व चिकित्सक के देखने आने की जानकारी की, पाकशाला को देखा।
 मरीजों द्वारा बताया गया कि उसको बाहर की दवाई लिखी गई है। उन्होंने मरीज को लिखी गई दवाई का पर्चा देखा। निर्धारित पर्चा पर दवाई न लिखी होने के कारण उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की और स्पष्ट निर्देश दिए कि बाहर की दवाई लिखी जाने पर संबंधित चिकित्सक की विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी, उन्होंने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध दबाए ही मरीजों को लिखा जाना सुनिश्चित किया जाए। यह भी निर्देश दिए कि यदि चिकित्सालय में किसी बीमारी/रोग की दवाई उपलब्ध हो, तो उसे उस रोग/बीमारी से सम्बन्धित अन्य दवा न लिखी जाए। दवायें निर्धारित पर्चें पर ही लिखी जाए एवं उस पर सम्बन्धित डाॅक्टर के द्वारा अपने हस्ताक्षर भी किये जायें।
विस्तृत निरीक्षण के उपरान्त उन्होंने प्रमुख अधीक्षक, जिला चिकित्सालय डॉ पी के कटियार से डाॅक्टर की नियमित उपस्थित के सम्बन्ध में जानकारी ली। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधाकर पांडेय सहित अन्य चिकित्सक एवं बड़ी संख्या में मरीज व तीमारदार उपस्थित रहे।