कला मंदिर के वर्तमान मालिक डॉ० लोहिया लेंगे न्यायालय की शरण

झांसी। जनपद की शहर कोतवाली क्षेत्र में पुरानी पसरठ में  प्राचीन इमारत कला मंदिर को लगभग ध्वस्त किया जा चुका है। उसके आसपास के घर भी उसकी चपेट में आ गए हैं। कला मंदिर गिराकर हो रहे निर्माण से आसपास के घरों में भी काफी नुकसान हुआ है जिनकी जिला प्रशासन द्वारा दबंगों के प्रभाव के चलते कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह ऐतिहासिक कला मंदिर कस्टोडियन प्रॉपर्टी पर निर्मित था कस्टोडियन प्रॉपर्टी अर्थात विभाजन के समय जो लोग देश छोड़कर चले गए और उनका कोई वंशज भी उपस्थित नहीं है, ऐसी जमीन या इमारतों को कस्टोडियन प्रॉपर्टी घोषित किया गया। कुछ समय पूर्व भारत सरकार द्वारा अध्यादेश जारी कर कस्टोडियन प्रॉपर्टी को सरकारी संपत्ति घोषित किया गया।

कला मंदिर जिस जमीन पर निर्मित है उस कस्टोडियन प्रॉपर्टी को बड़ा बाजार के प्रसिद्ध डॉ दयाराम लोहिया द्वारा खरीदा गया था। उनका कहना है कि उनकी जमीन पर भू माफिया अवैध रूप से निर्माण कार्य कर रहे हैं जिन्हें कई बार रोकने की कोशिश की गई लेकिन सत्ता के प्रभाव के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। दबंगों का कहना है हम किसी की भी जमीन कब्जा कर बेच सकते हैं डॉक्टर लोहिया द्वारा दो लोगों पर उक्त जमीन पर कब्जा कर बेचना शुरू करने का आरोप लगाया है। डॉक्टर लोहिया का कहना है वे अपनी जमीन वापिस पाने के लिए न्यायालय की शरण लेंगे। कला मंदिर जैसी प्राचीन इमारत गिराकर दबंगों ने झांसी की ऐतिहासिकता पर कुठाराघात तो किया ही साथ ही उसके वर्तमान मालिक के साथ छल कपट कर अन्याय भी किया है। कई लोगों और संगठनों द्वारा इस बात का विरोध भी किया गया लेकिन सत्ता के प्रभाव एवं जिला प्रशासन की नीरसता के चलते दबंग पीछे हटने को तैयार नहीं है और दिन-रात निर्माण कार्य करते जा रहे हैं। अब आगे देखना होगा इस सम्बंध में न्यायालय क्या कार्यवाही अमल में लाती है ?