झांसी। उत्तर प्रदेश सरकार के स्टाम्प न्यायालय शुल्क एवं पंजीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने झांसी जिले में हुए स्टैम्प राजस्व चोरी के मामले में स्पष्ट कहा कि इसकी जांच 10 दिन में पूरी कर ली जायेगी। जांच में जो भी अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाये जायेंगे बख्शे नहीं जाएंगे, सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

राज्यमंत्री रविवार को यहां सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। श्री जायसवाल ने बताया कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के पश्चात यहां पर राजस्व प्रगति में दोगुनी वृद्धि हुई है। इस समय उत्तर प्रदेश के भीतर बैनामा के अतिरिक्त सर्वाधिक डॉक्यूमेंटेशन हुआ है, जिसका लाभ आम जनता को तीव्रता के साथ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की मंशा और मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में एक नवाचार किया गया है कि खून के रिश्ते में संपत्ति हस्तांतरण में स्टॉप शुल्क हटा दिया गया है। अब तक साढ़े तीन लाख परिवारों ने इसका लाभ लिया है। किसान की जमीन सस्ते दाम पर लेकर रजिस्ट्री न कराकर पावर ऑफ अटर्नी (पीओए) बड़े खिलाड़ी अपने नाम करा लेते थे। इसके बाद ये लोग रजिस्ट्री के बाईपास के रूप में पावर ऑफ अटर्नी का इस्तेमाल करते थे। यह लोग जमीन को खरीदने,बेचने सहित अन्य अधिकारी लेकर पूरा खेल करते थे। जमीन को डवलप कर दोगुनी या तिगुनी कीमत पर बेचते थे। इसके बाद आयकर विभाग से नोटिस भोले भाले किसानों के पास आता था और वह फंस जाते थे।

किसानों को इस शोषण से बचाने के लिए सरकार ने नियम बना दिया है कि अगर खून के रिश्ते में पीओए दिया जाता है तो शुल्क लगेगा मात्र 100 रूपये। यदि परिवार के रिश्ते के बाहर देंगे तो भी शुल्क नहीं लगेगा लेकिन अगर पीओए में खरीदने और बेचने का भी अधिकार दिया जायेगा तो स्टाम्प सर्किल रेट पर देना होगा। इससे भोले भाले किसान बड़े डवलपर के खेल से बच जायेंगे। उन्होंने बताया कि अब संपत्ति को लेकर मात्र एक पन्ने पर ही पूरी जानकारी दी जायेगी। मात्र सौ रूपये जमा कराकर यह सुविधा ली जा सकेगी । इसको बैंक सहित किसी अन्य संस्थान में भी लगाया जा सकेगा।

इस पर पत्रकारों द्वारा जिले में 100 रूपये के स्टाम्प पर बेची गयी जमीन का मामला श्री जायसवाल के संज्ञान में लाया गया जिसमें डीआईजी स्टाम्प को शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने की बात बतायी। इस पर राज्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच 10 दिन में पूरी करा ली जायेगी और जो भी कर्मचारी या अधिकारी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।