स्थाई वार्ता तंत्र की बैठक में मरम्मत की सहमति को अनदेखा व संघ को विश्वास में लिए बिना नोटिस चस्पा करना दुर्भाग्यपूर्ण 

झांसी। पश्चिम रेलवे कालोनी में आउट हाउस को तोड़ने के आदेश जारी करने तथा कुछ पर तोड़ने का नोटिस चस्पा करने का रेलवे के मान्यता प्राप्त संगठन NCRES द्वारा विरोध किया जा रहा है।

संघ का कहना है कि स्थाई वार्ता तंत्र की बैठक में वैध रेल आवास/आउट हाउस की मरम्मत हेतु चर्चा की गई थी । इस पर आउट हाउसों की मरम्मत कराने हेतु सहमति भी प्राप्त हुई। इसके बाद आउट हाउसों को तोड़ना गलत व निराधार है क्योंकि तोड़ने के आदेश पारित करने के पहले इस मामले में संघ से चर्चा नहीं की और न ही विश्वास में ही लिया गया।

बताया गया है कि जिन आउट हाउस को तोड़ने का निर्णय लिया गया है उनमें से कई आवास तो बहुत ही अच्छी स्थिति में हैं, जिनको तोड़ना उचित प्रतीत नहीं होता है। जो कंडम हैं और खाली पड़े हैं अथवा बाहरी व्यक्ति अवैध रूप से रह रहे हैं उन्हें ध्वस्त करना न्याय संगत है। वैध आउट हाउस को तोड़ने से रेल कर्मियों से मिलने वाले किराये को बन्द करना पड़ेगा जिससे रेल राजस्व को बहुत अधिक नुकसान होगा।

बताया गया है कि अधिकांश रेल आवास दूर और सूने इलाकों में स्थित हैं और इन आवासों के आउट हाउसों को तोड़ने से इनमें रहने वाले परिचारकों को हटना पड़ेगा। जिससे एकांत के इन रेल आवास असुरक्षित हो जाएंगे क्योंकि इन परिचारकों के आउट हाउसों के बने रहने से इनकी देखरेख में आसान रहती है।
संघ ने रेल आवासों में बने आउट हाउसों को तोड़ने के एक पक्षीय निर्णय को पूर्णतः गलत एवं निराधार निरूपित करते हुए कहा कि जबकि यह एक नितिगत विषय है एवं “संघ” प्रतिनिधियों से चर्चा के उपरान्त ही इनको तोड़ने की कार्यवाही करना उचित होगा ।

“संघ” प्रतिनिधियों के द्वारा ध्वस्तीकरण के आदेशों पर आपत्ति दर्ज करते हुये माँग की है कि इन आउट हाउसों को तोड़ने के स्थान इनकी शीघ्र मरम्मत कराई जाये ताकि आवासियों के परिचारक इसमें सुगमता पूर्वक निवास कर सकें।