झांसी । बांद्रा टर्मिनस झांसी स्पेशल  सुपरफास्ट एक्सप्रेस से मुंबई से झांसी के लिए यात्रा कर रहे वृद्ध की जिंदगी का सफर गांव पहुंचने की आस लिए ट्रेन में ही पूरा हो गया।

दरअसल मोंठ के गांव अमरा निवासी शहादत अली वर्षों पूर्व मुंबई चले गए थे और वहां ट्रक मैकेनिक का काम कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। वृद्धावस्था होने के कारण उन्होंने काम छोड़ दिया। पिछले कुछ दिनों से बीमार रहने पर उन्होंने अपने बेटे रहीम अली से एक बार गांव ले चलने की इच्छा जताई। इस पर बेटा, बहू और पत्नी शहादत अली को 30 दिसंबर को बांद्रा टर्मिनस झांसी विशेष सुपरफास्ट एक्सप्रेस से लेकर झांसी आ रहे थे।

ट्रेन को रविवार 31 दिसंबर को सुबह पांच बजे झांसी पहुंचना था, लेकिन ग्वालियर-दतिया के बीच अचानक शहादत अली की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने ट्रेन के स्टाफ को जानकारी दी। ट्रेन जब तक झांसी पहुंची तब तक वृद्ध की मौत हो गई। जीआरपी ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

अंतिम समय ख्वाहिश अधूरी ही रह गई 
बेटे रहीम अली ने बताया कि पिता को गांव से बहुत लगाव था। उनकी गांव में अपने बचपन के दोस्तों और रिश्तेदारों से बात होती रहती थी। जब तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी तो गांव में एक बार सबसे मिलने के लिए कहने लगे। लेकिन गांव पहुंचने से पहले ही उनका इंतकाल हो गया।