“ऐ मेरे प्यासे वतन” पुस्तक के माध्यम से महेंद्र मोदी सुधारेंगे सूखाग्रस्त क्षेत्रों का जलस्तर

झाँसी। पूर्व पुलिस महानिदेशक व जल गुरू एवं जल संरक्षण सलाहकार महेंद्र मोदी ने संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर जल संरक्षण के विषय पर चर्चा करते हुए बताया बुंदेलखंड जैसे सूखा ग्रसित क्षेत्र में जल स्तर बढ़ाना कठिन कार्य नहीं है। बुंदेलखंड में बड़े स्तर पर जल ग्रहण क्षेत्र स्थापित किया जा सकता है। जहां वर्षा के जल को एकत्रित कर उसे शुद्ध जल के रूप में परिवर्तित कर पीने एवं रसोई में उपयोग किया जा सकता है। साथ ही लोग इस कार्य को करके आर्थिक लाभ भी ले सकते हैं उनका लक्ष्य है कि वह 71 लाख परिवारों को इस सम्बंध में रोजगार देकर स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने बताया आदर्श सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम बहुत उपयोगी है इस पर भारत सरकार सब्सिडी भी दे रही है हमारे किसानों को इस विधि का प्रयोग करना चाहिए जिससे जमीन उपजाऊ व फसल समृद्ध हो सके। यह समय जल संरक्षण के विषय पर पुनर्जागरण काल के समान है, हमें इस विषय पर जागरूक होना होगा अन्यथा जल की समस्या बहुत विकराल रूप धारण कर लेगी। समाज में जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने “ऐ मेरे प्यासे वतन” नामक पुस्तक भी लिखी है जो प्रभात प्रकाशन के माध्यम से जल्द ही बाजारों में उपलब्ध हो जायेगी। महेन्द्र मोदी जल संरक्षण पर 3 नमूनों का एकस्व अधिकार (पेटेंट) भी प्राप्त कर चुके हैं। डाॅ० संदीप सरावगी के समाजसेवी कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होनें कहा डॉ० संदीप से बातचीत कर मुझे बहुत अच्छा अनुभव हुआ समाज का जो सिस्टम है जिस पर लोगों को भरोसा है ऐसे लोगों के कारण ही टिका हुआ है। डॉ० संदीप समाज को बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।

इस दौरान डॉ० संदीप सरावगी ने कहा महेंद्र मोदी जैसे व्यक्तित्व आज के युग में बहुत कम मिलते हैं जो प्रशासनिक सेवायें देते समय और सेवानिवृत्ति के बाद भी जनहित का कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं। हम समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं लेकिन जब कभी ऐसे विषय हमारे समक्ष आते हैं तो कार्य करने में आनंद के साथ उत्साह भी मिलता है। महेंद्र जी जैसे ऊर्जावान लोगों के साथ काम करना हम सभी के लिए गौरव का विषय है। जल संरक्षण के विषय पर जल्द ही हम संघर्ष सेवा समिति के माध्यम से कार्य प्रारंभ करेंगे और महेन्द्र जी से निवेदन करते हैं कि वे आगे आने वाले समय में जल संरक्षण के विषय में एक बार पुनः हमारे जनपद को अपनी सेवायें देने वापिस आयेंगे।

इस अवसर पर अशोक अग्रवाल (काका जी), डॉ० रामकुमार खरे, रामनिवास झा, शारदा शंकर सिंह, विशाल गुप्ता, धर्मेंद्र नामदेव, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, बसंत गुप्ता, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार, राजू सेन, चंदन पाल, अनिल वर्मा आदि उपस्थित रहे।