झांसी(बुन्देलखण्ड)। कल तक नगर आयुक्त के इशारे पर कुछ भी करने को तैयार सफाई कर्मियों की फौज आज अपने आका के ही खिलाफ हो गयी है। दरअसल, कुछ महीनों में नगर आयुक्त द्वारा सफ ाई कर्मचारियों के दम पर कई लड़ाइयां लड़ी गईं, जिसमें पत्रकारों व विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं पर हमला प्रकरण चर्चाओं में हैं। आज जब सफाई कर्मियों को जब जरूरत पड़ी तो नगर आयुक्त ने उनका साथ देने से मना कर दिया। इससे उत्तेजित सफाई कर्मचारियों ने 22 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।
गौरतलब है कि नगर निगम में विभिन्न मांगों को लेकर नगर निगम के तीन सफ ाई कर्मचारी संगठनों ने आपस में एकजुट होकर संयुक्त संघर्ष समिति सफाई कर्मचारी नगर निगम का गठन कर लिया है। इसके तहत विगत कई माह से लंबित 16 सूत्रीय मांगों को लेकर नगर निगम में धरना प्रदर्शन किया गया। इसमें नगर आयुक्त को बुला कर उक्त मांगों को माने जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन सफ ाई कर्मचारियों की संख्या को देखकर नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम में भारी संख्या में पुलिस बल को बुला लिया। इससे सफाई कर्मचारी आक्रोशित होकर प्रदर्शन करने लगे और वार्ता करने आए अपर नगर आयुक्त रोहन सिंह और अरुण गुप्ता को उन्होंने चूडिय़ां दिखाईं। इस मामले में सफ ाई कर्मचारी नेता केशव कुमार ने बताया कि कर्मचारियों को घटिया वर्दी दी जा रही है, पेंशनर परेशान हो रहे हैं, पेंशन की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, संविदा कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। इन मुददों को लेकर विगत 3 माह से नगर आयुक्त से चर्चा की जा रही है, किन्तु उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसको लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था पर पुलिस बुला ली गयी जैसे वह अपराधी हों। उन्होंने बताया कि मांगें नहीं माने जाने पर 22 जनवरी से पूरे सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और मांगे पूरी न होने तक कोई काम नहीं किया जाएगा।