मप्र से तस्करी कर झांसी लाई गई थी, दो के खिलाफ मुकदमा 

 झांसी। वन विभाग की टीम ने जिले के मौजा पठारी में डोंगरी-पठारी मार्ग पर बने गोदाम में छापा मारकर लगभग 50 क्विंटल प्रतिबंधित खैर की लकड़ी बरामद कर दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस लकड़ी को मध्यप्रदेश के जंगलों से तस्करी कर झांसी ला कर गोदाम में छिपा कर रखा गया था। बरामद लकड़ी की बाजारू कीमत लगभग 10 लाख रुपये आंकी गई है।

दरअसल, पान मसाला और कत्था बनाने के उपयोग में आने वाली खैर की लकड़ी के पेड़ मध्य प्रदेश के जंगलों में हैं। इस प्रजाति की लकड़ी का कटान पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद लोग अधिक कमाई के लिए अवैध कटान करते हैं। झांसी में गांव पठारी के एक गोदाम पर खैर की लकड़ी की तस्करी कर लाए जाने की सूचना वन विभाग के अफसरों को मिली। इस पर प्रभागीय वन अधिकारी जेबी शेंडे ने टीम का गठन कर कार्यवाही के निर्देश दिए।

टीम ने सुबह छह बजे गांव डोंगरी से पठारी मार्ग पर तकरीबन दस हजार वर्गफुट क्षेत्रफल में बने गोदाम पर छापा मारकर 50 क्विंटल से अधिक वजन की खैर की लकड़ी को बरामद किया। वन विभाग ने क्षेत्रीय रेंज कार्यालय में तरनजीत सिंह पुत्र सुखवीर सिंह निवासी रिफ्यूजी कॉलोनी व हेमंत कुशवाहा पुत्र नाथूराम कुशवाहा निवासी नैनागढ़ के खिलाफ केस दर्ज कर प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। कार्रवाई के दौरान डिप्टी रेंजर टीपी सिंह, वन दरोगा महेश कुमार, वन रक्षक पुष्पेंद्र, मनोज व ज्ञान सिंह मौजूद रहे। मामले की जांच कराई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि लम्बे समय बाद वन विभाग ने खैर की लकड़ी बरामद की है।