हरदोई में RPF ने किया रेस्क्यू, चाइल्ड लाइन को सौंपा

लखनऊ (संवाद सूत्र)। मालगाड़ी के पहियों के बीच बैठकर लखनऊ से लगभग सौ किलोमीटर दूर हरदोई तक पहुंच गया बच्चा। इसे हरदोई में RPF ने सुरक्षित बचा लिया।

दरअसल, एक बच्चे को किसी ने चलती मालगाड़ी के दो पहियों के बीच में बैठा देखकर आरपीएफ को सूचना दी। तब तक बच्चा अपने घर लखनऊ से लगभग सौ किलोमीटर दूर हरदोई पहुंच चुका था। यहां मालगाड़ी को रुकवा कर आरपीएफ जवान ने दो पहियों के बीच सहमें बैठे बच्चे को बाहर निकाला। पूछताछ में जो कहानी सामने आई वह आश्चर्य चकित कर देने वाली थी।

लखनऊ में रेलवे ट्रैक किनारे रहने वाले खानाबदोश परिवार का एक मासूम बच्चा खेलते-खेलते ट्रैक पर पहुंच गया और कोतूहल में खड़ी मालगाड़ी के पहियों के बीच बैठ गया। जब तक वह उतरता इसके बाद मालगाड़ी चल दी और बच्चा वापस नीचे नहीं उतर पाया। इस तरह वह मालगाड़ी के पहियों के बीच फंसा रहा और कई किलोमीटर तक चलकर हरदोई पहुंच गया।

बताया जाता है कि किसी रेलवे कार्मिक को चेकिंग के दौरान मालगाड़ी के पहियों के बीच में फंसा हुआ यह बच्चा दिख गया. इसकी सूचना हरदोई रेलवे सुरक्षा बल को दी गई. रेलवे सुरक्षा बल ने हरदोई रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को रुकवाकर बच्चे का रेस्क्यू किया गया। बच्चे को रेलवे सुरक्षा बल ने सकुशल मालगाड़ी के डिब्बे के बीच से निकालकर रेलवे सुरक्षा बल हरदोई पोस्ट पर लाया गया।

आरपीएफ ने जब मालगाड़ी के पहियों के बीच फंसकर हरदोई पहुंचे बच्चे को जब रेस्क्यू किया गया, तो वह काफी डरा-सहमा था. इतने देर तक उसकी जान खतरे में थी। बच्चे से नाम पता पूछने के बाद बच्चे को चाइल्ड केयर सेंटर के सुपुर्द कर दिया गया है। बच्चे ने लगभग 100 किलोमीटर का सफर मालगाड़ी के दो पहियों के बीच में बैठकर तय किया।