छिंदवाड़ा। इस बार का नौतपा, जमकर तपा… आलम ये रहा कि सतपुड़ा के जंगलों के बीच बसी छिंदवाड़ा जैसी ग्रीन सिटी में भी पहली बार पारे ने तीखे तेवर दिखाए। भीषण गर्मी ने यहां के बाशिंदों को सीख दे दी है कि पेड़ पर्यावरण के लिए कितने जरूरी हैं। हालांकि, इस शहर का हर वासी अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है, लेकिन बात अब ऐसे शख्स नरेंद्र साहू की जिसने इस शहर की हरियाली लौटाने का बीड़ा उठाया है। साहू अपने बलबूते ही शहर में एक लाख पौधे लगा रहे हैं, जिन्हें बड़े जतन और मेहनत के साथ तैयार किया गया है।

ये है प्लान, 10 लाख हुए खर्च
नरेंद्र ने शहर की हरीतिमा को वापस लाने के लिए अपने ही खेत में ही दो एकड़ जमीन पर पौधों की नर्सरी तैयार की। इसके अलावा उन्होंने एक मैरिज हॉल की खाली पड़ी जमीन पर भी पौधे तैयार किए हैं। इन्हें तैयार करने में दस लाख रूपए का खर्च आया है। इसमें से एक भी पैसा उन्होंने किसी से दान या चंदे में नहीं लिया है। सामाजिक संस्थाओं से जुड़े नरेंद्र पेशे से व्यापारी हैं और अपने लाभ का हिस्सा पर्यावरण संरक्षण में लगा रहे हैं।

नरेंद्र साहू केवल पौधे लगाकर या बांटकर ही अपने काम की इतिश्री नहीं करना चाहते, बल्कि वे यह भी तय करना चाहते हैं कि इन पौधों को रोपने के बाद खाद, पानी समय पर मिलता रहे। यही वजह है कि वे इन पौधों को उन्हीं लोगों को दे रहे हैं, जो ये संकल्प लें कि पौधों की अपने परिवार की तरह देखभाल करेंगे।

ऐसे आया ख्याल
नरेंद्र छिंदवाड़ा के ही मूल निवासी हैं। यहीं पले-बढ़े और व्यापार में सफलता भी हासिल की। इस बार जब नौतपा में पहली बार छिंदवाड़ा जैसे अमूमन ठंडे शहर का पारा 45 डिग्री को भी पार कर गया तो उन्होंने इस दिशा में विचार किया। उन्होंने पर्यावरण और वानिकी के जानकारों से बात की तो सामने आया कि कटते पेड़ और सिमटते जंगलों ने छिंदवाड़ा को भट्टी बना दिया है। बस, फिर देखते ही देखते नरेंद्र नें मन में ठान लिया कि एक लाख पौधों के जरिए शहर की हरियाली को लौटाने का प्रयास करेंगे। अब उनके इस प्लान में शहरवासी भी भागीदारी निभा रहे हैं और इन पौधों को घर और खाली जमीन पर लगा रहे हैं। इसके साथ ही शहरवासी अब इन पौधों की देखभाल करते हुए, इनके संवर्धन और संरक्षण में जुटे हुए हैं। अभियान से जुड़े पीएल साहू और शिवलाल गड़ेवाल का कहना है कि वे न केवल इन पौधों को देखभाल सुनिश्चित करेंगे, बल्कि ये भी तय करेंगे कि इनमें से एक भी पौधा मरना नहीं चाहिए।

सीनियर सिटिजन की ले रहे मदद
साहू ने अपने इस अभियान की शुरुआत एक जून से कर दी है और अब तक दस हजार से ज्यादा पौधे लोगों को वितरित किए जा चुके हैं। उनका ये मकसद बगैर जन सहयोग के पूरा नहीं हो सकता। इसी कारण उन्होंने सीनियर सिटिज़न्स की टोली को अपने साथ जोड़ा है। उनकी अपील पर बुजुर्ग इस अभियान में उनका साथ दे रहे हैं। मुकेश जगदेव, प्रेम खजुरिया, सतीश गोदरे, रमेश साहू, किशोर गाखरे, रमेश साहू, शिवलाल गड़ेवाल, डॉक्टर दीपचंद भवारकर जैसे रिटायर अधिकारी और कर्मचारी पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे तैयार करने में अब नरेंद्र साहू के साथ कंधे से कंधा मिला रहे हैं।
( साभार पीपुल्स अपडेट)