झांसी। अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या एक शक्ति पुत्र तोमर की अदालत में दहेज हत्या का दोष सिद्ध होने पर बुंदेलखंड विश्विद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर रहे आरोपी को आजीवन कारावास की सजा व दस हजार रुपए जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है। इस मामले में आरोपी बनाए गए सास, ससुर दोष मुक्त पाए गए।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया कि मुकदमा वादी द्वारा थाना नवाबाद में 27 जुलाई 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसने अपनी पुत्री नीलम का विवाह झांसी विश्विद्यालय में तैनात लैब टेक्नीशियन सुमेश मिश्र उर्फ देवेंद्र मिश्र के साथ हिंदू रीति रिवाज से वर्ष 2015 में किया था। विवाह के बाद से ससुराल पक्ष से सास सुशीला मिश्रा, ससुर संतोष मिश्रा, पति सुमेश मिश्रा उर्फ देवेंद्र मिश्रा पुत्री को मायके से दहेज की मांग पर आए दिन प्रताड़ित करने लगे थे। गांव में पंचायत होने के बाद सुरेंद्र उर्फ देवेंद्र मिश्रा उसकी पुत्री को लेकर झांसी विश्विद्यालय कैम्पस सरकारी आवास में रहने लगा था। यहां भी ससुराल पक्ष और पति ने उसे दहेज न लाने पर प्रताड़ित करते हुए उसकी हत्या कर दी थी।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेजते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया कि इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए अदालत ने आज सास सुशीला और ससुर को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया वही आरोपी पति सुमेंदे उर्फ देवेंद्र को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा और बीस हजार का अर्थ दंड फैसला सुनाया है।