झांसी। जिले में महिला थाने में पत्नी के बीच विवाद का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आए। पति ने बताया कि उसकी पत्नी सिंदूर नहीं लगाती है, आए दिन उससे बेवजह विवाद करती है। समझाने की कोशिश की, मगर वह तैयार नहीं थी। परिवार परामर्श केंद्र में पत्नी की काउंसिलिंग कर समझौता करवाया गया। महिला थाने में पति ने पत्नी की मांग में सिंदूर भर दिया। इसके बाद दोनों को थाने से विदा किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस के निर्देशन में महिला थाना में आयोजित परिवार परामर्श केंद्र में एक मामला ऐसा आया जिसे सुनकर केंद्र में मौजूद आश्चर्यचकित हो गए। एक युवक ने महिला थानाध्यक्ष को बताया कि उसकी पत्नी ने मांग में सिंदूर लगाना बंद कर दिया। इस दौरान पत्नी ने अपने पति पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि पति नशा करता है और दहेज के लिए भी परेशान करता है। पीड़ित पति ने कहा कि उसने पत्नी को नहीं छोड़ा और न ही किसी प्रकार से परेशान किया। वह अपनी मर्जी से मायके में रह ही है। मेरी पत्नी ने मांग में सिंदूर लगाना बंद कर दिया था। इसी को लेकर अक्सर विवाद होता था। इसके बाद महिला थानाध्यक्ष किरन रावत ने दोनों पक्षों को सुना।
महिला थानाध्यक्ष ने कहा कि सिंदूर लगाना सुहाग की निशानी है और नहीं लगाना पति के साथ एक प्रकार से मानसिक क्रूरता है। हिंदू संस्कृति में इसे सुहाग की निशानी बताया गया। सिंदूर लगाने को लेकर धार्मिक महत्व भी है। पति की लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाएं सिंदूर लगाती है। बाद में थाने में पति ने पत्नी की मांग में सिंदूर भरा। इसके बाद दोनों को थाने से विदा किया गया। इस अवसर पर महिला थाना का मुख्य आरक्षी किरन देवी, माधुरी देवी, महिला आरक्षी अर्चना त्रिपाठी, रजनी कुमारी आदि लोग मौजूद रहे।