राष्ट्र भक्त संगठन ने पीएम व विपक्षी दल प्रमुखों को ज्ञापन भेजा
झांसी। बांग्लादेश में अल्प संख्यक हिन्दूओं, सिक्खों, बौद्धों की सुरक्षा सुनिश्चित करने व उन्हें भारत में शरण देने की मांग को लेकर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री बंगाल ममता बनर्जी को संबोधित ज्ञापन राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अरजरिया के नेतृत्व में जिलाधिकारी झांसी के माध्यम से प्रेषित किया गया।
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि पिछले 4 दिनों से बांग्लादेश के अन्दर जेहादियों द्वारा हिन्दू मंदिरों, मठों, गुरूद्वारों को निशाना बना कर तोड़फोड़ की जा रही है व अल्पसंख्यक हिन्दू, सिक्ख, बौद्धों के घरों में आग लगाई जा रही है एवं प्रताड़ित किया जा रहा है जिसमें अनेकों हिन्दूओं-सिक्ख-बौद्ध का कत्लेआम हुआ है। बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यक प्रतिपल जिन्दगी और मौत से संघर्ष कर रहे है। ऐसी स्थिति में इनका वहां पर जीवन यापन कठिन है। यह घटनायें 1947 के डायरेक्ट एक्शन डे व 1971 में भी हिन्दूओं के हुये कत्लेआम की यादों को ताजा कर रही है। तब हमारे पास सक्षम नेतृत्व नही था परन्तु आज आपकी छवि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़े नेता की है व सभी महाशक्तियों से इस समय अच्छे सम्बन्ध है। भारत को भी एक महाशक्ति के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में हमारे पड़ोस में अशान्ति की स्थिति व कुछ भारतीय नेताओं द्वारा दिये जा रहे ऊल-जलूल बयान देकर भारत की छवि को खराब कर रहे है। ऐसे नेताओं के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही की आवश्यकता है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव अच्छे विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं आप भी आपकी भूमिका का करते हुए सरकार को इस काम को करने के लिए मजबूर करें।
मांग की गई कि सभी हिन्दूओं को बांग्लादेश की सीमाओं पर कैम्पों में स्थापित कर अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग लेकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने व भारत में इन्हें शरण देने की व्यवस्था की जाये । अब तो बांग्लादेश में अंतरिम सरकार भी बन गई है। अपेक्षा है कि निश्चित ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु कठोर कदम उठायेगें।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से आई के पांडे, अंजनी श्रीवास्तव, प्रशांत सक्सेना, अर्पित शर्मा, दीपक वर्मा, अर्जुन पंडित, अभिषेक, गोलू, मोनू, कैलाश, दिनेश, राहुल सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।