झांसी। चर्चाओं में रहने वाले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा हास्टल में फैली अव्यवस्था को लेकर किए हंगामे व प्रदर्शन की चर्चा पर विराम भी नहीं लगा था कि सोमवार को हॉस्टल में रूम अलॉट के बाद सामान रखने पहुंचे एमबीए प्रथम वर्ष के छात्रों की हॉस्टल के कतिपय छात्रों को आतंकित कर लाठी, डंडों और सरियों से जमकर पिटाई कर दी। घायल भयभीत छात्रों ने कुलपति को ऐसे गंदे माहौल में पढ़ाई न करने का शिकायती पत्र देते हुए हॉस्टल के लिए जमा पैसा वापस करने और हॉस्टल को अराजक तत्वों और गुंडों से मुक्त कराए जाने को कहा है।

सोमवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के समता बॉयज हॉस्टल में एमबीए प्रथम वर्ष के छात्रों को वहां पहले से रह रहे कुछ कथित छात्रों ने रूम आवंटित होने के बाद उन्हें रूम में सामान रखने से मना करते हुए जमकर लाठी डंडे और सरियों से पिटाई कर खदेड़ दिया। एमबीए प्रथम वर्ष के पीड़ित छात्र अनिकेत सोनी और अतुल यादव ने विश्वविद्यालय के कुलपति मुकेश पाण्डेय को दिए शिकायती पत्र में विश्वविद्यालय के माहौल पर सवाल खड़े किए है।

पत्र में लिखा गया है कि वह M.B.A (FM) के प्रथम वर्ष के छात्र हैं। दाखिला लेने के बाद उनको विश्वविद्यालय के समता छात्र हॉस्टल का कमरा न. 303 आंवटित हुआ है। जिसकी फीस उनके परिजनों ने 18, 250 रुपए जमा की है। सोमवार को हम दोनों अपना कमरा देखने के लिए हॉस्टल गये। हमें वहाँ के छात्रों द्वारा गाली गलौज कर भगा दिया गया। फिर हम अपने दोस्त प्रतुल तिवारी, प्रिंस पाठक के साथ सामान लेकर रखने गये थे। वहाँ पर हॉस्टल के कई छात्रों ने हमें डण्डों, सरिया एवं लात घूसों से जमकर पीटा। जिसमें अंशल यादव का Titan का फ्रेम एवं अनिकेत सोनी का मोबाईल तोड़ दिया एवं गन्दी – गन्दी गालियाँ देकर वहाँ से भाग जाने के लिए कहा । मैंने अपना सामान कमरा नं. 303 में रख दिया था। जिसको वापस नहीं लेने दिया एवं मारपीट कर वहाँ से भगा दिया। हम सभी को बहुत चोटे आयी है। जिसकी वीडियो हमारे मोबाईल में है।

दोनों पीड़ित ने शिकायती पत्र में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के माहौल पर कई सवाल खड़े किए है। छात्रों ने कहा है कि ऐसे खराब माहौल मे रहकर पढाई नहीं करनी है एवं अपने माता- पिताजी के मेहनत का पैसा बरबाद नहीं करना है। छात्रों का कहना है कि उनके माता पिता ने खून पसीने की कमाई से हास्टल के मद में जो रुपए जमा किए हैं तत्काल उसको वापस किया जाए और ऐसे गंदे गुंडागिर्दी के माहौल से हॉस्टल को मुक्त कराया जाए। जिससे भविष्य बनाने का सपना संजोए छात्रों को स्वच्छ वातावरण मिले।

इस घटनाक्रम ने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले के बाद जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि हास्टल में ऐसे भी छात्र रह रहे हैं जिन्हें हास्टल कक्ष आवंटित ही नहीं है।