अभियुक्तों पर दस दस हजार रुपए अर्थदंड का फैसला
झांसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायाधीश विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में 2017 का सबसे चर्चित झांसी के सर्राफ राजू कमरिया अपहरण कांड का दोष सिद्ध होने पर बर्खास्त सिपाही सहित तीन अभियुक्तों को उम्रकैद व दस दस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया है। अपहरण कर्ता शातिर अपराधियों पर चार दिन पूर्व दोष सिद्ध कर दिया था। सजा का फैसला तीस सितंबर को न्यायालय ने सुनाया।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी देवेंद्र पांचाल एव़ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि 12 जुलाई 2017 को शहर कोतवाली क्षेत्र निवासी सराफा कारोबारी राजेंद्र कुमार उर्फ राजू कमरिया उसके साथी राजू छोले का देर रात चार पहिया गाड़ी सवार बदमाशों ने बीकेडी चौराहा स्थित मिशन गेट के सामने से अपहरण कर लिया था।
इस अपहरण कांड की घटना का खुलासा करने के उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी एसटीएफ सहित झांसी एसओजी और कानपुर जोन की पुलिस लगी। पुलिस टीमों आगरा से घटना के 13 दिन बाद राजेंद्र उर्फ राजू कमरिया और उसके साथी को बदमाशों के चंगुल से मुठभेड़ के दौरान सकुशल बरामद कर लिया था। इस प्रकरण में अभियुक्त उत्तर प्रदेश पुलिस का पूर्व सिपाही विनोद जाट, जितेंद्र कंजा और लोकेंद्र का नाम प्रकाश में आया था।
पुलिस ने तीनो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजते हुए विवेचना के दौरान और अपहरण कर्ताओं से पूछताछ के दौरान शहर के चर्चित 16 नाम बबली यादव, कमलेश यादव सहित अन्य लोगों को अपहरण कांड का साजिश कर्ता बताकर आरोपी बनाया था। इस प्रकरण में पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेजकर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे। न्यायालय में सुनवाई के दौरान मुकदमा वादी और गवाहों के बयानों के बाद न्यायलय ने सोमवार को अभियुक्त अपहरण कर्ता जितेंद्र कंजा, पूर्व सिपाही विनोद जाट और लोकेंद्र पर आरोप सिद्ध कर दिया बाकी अन्य 16 आरोपी बरी हो गए। चार दिन पूर्व तीनो आरोपियों पर आरोप सिद्ध किया था। आज तीस सितंबर को न्यायालय ने तीनो आरोपियों को आजीवन कारावास और दस दस हजार रुपए अर्थदंड का फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि यह अपहरण कांड प्रदेश में पहली बार बनी योगी सरकार की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला कांड था। जिसमे अपहरण कर्ताओं ने 25 करोड़ की फिरौती की मांग की थी। 12 जुलाई 2017 को हुए इस अपहरण कांड का खुलासा एसटीएफ और झांसी एसओजी तथा आगरा की पुलिस ने 25 जुलाई 2017 को आगरा के निखिल वुड लैंड अपार्टमेंट से बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान अपहृत को सकुशल बरामद कर लिया था।
उस समय टीम में यूपी एसटीएफ डीआईजी मनोज कुमार, झांसी पुलिस कप्तान जेके शुक्ला, झांसी एसओजी प्रभारी विक्रम सिंह, शहर कोतवाल अजय पाल सिंह सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे। अपहरण कर्ताओं में हार्ड क्रिमिनल उत्तर प्रदेश सरकार का पूर्व सिपाही विनोद जाट ने झांसी एसओजी प्रभारी को उसके पिता को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने पर एके 47 से गोली मारने की धमकी भी दी थी। 25 करोड़ रुपए की फिरौती की मांग की गई थी। अपहरण कांड का खुलासा होने के बाद शहर भर के व्यापारियों ने झांसी पुलिस, यूपी एसटीएफ और एसओजी का सम्मान भी किया था। वही इस अपहरण कांड की घटना का उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ खुद प्रतिदिन मॉनिटरिंग करते थे।