झांसी। विकास भवन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति झांसी निकाय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे ने जननी सुरक्षा योजना में विगत वर्ष के सापेक्ष वर्ष २०१८-१९ में २४२१ संस्थागत प्रसव कम होने पर नाराजगी व्यक्त की। जिला महिला चिकित्सालय में १०४० प्रसव की गिरावट दर्ज की गयी है। इसी प्रकार पोषण पुनर्वास केन्द्र में अतिकुपोषित ब’चों को भर्ती कराये जाने में निरंतर कमी आ रही है। इस सम्बंध में मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त अधीक्षक व बाल विकास परियोजना अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि जनपद में कुपोषण हो किसी भी बच्चे की मृत्यु नहीं होनी चाहिये। अति कुपोषित ब’चों को मेडिकल कॉलेज झांसी में स्थापित एन.आर.सी. में भर्ती कराया जाये एवं डिस्चार्ज होने के पश्चात फालोअप कराया जाये। इस कार्य में स्वास्थ्य, आई.पी.डी.एस. व शिक्षा विभाग तीनों मिलकर रणनीति तैयार करें साथ ही आर.बी.एस.के टीम द्वारा जन्मजात रोगों की सर्जरी कराये जाने हेतु चिन्हित ब’चों को अभिभावकों की पर्याप्त काउन्सिलिंग कर उनकी सर्जरी कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने आगामी लोकसभा निर्वाचन २०१९ के दृष्टिगत समस्त चिकित्सालयों में आकस्मिकता प्रबंधन के उपायों की समीक्षा करने व व्यवस्थायें दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
प्रारम्भ में मुख्य चिकित्साधिकारी अधिकारी डॉ. सुशील प्रकाश द्वारा वर्ष २०१८-१९ की भौतिक व वित्तीय प्रगति कार्यक्रमवार प्रस्तुत की गयी। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी.के. गुप्ता, डॉ. वसुधा अग्रवाल, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. जैन, डॉ. आर.एस. वर्मा, डॉ. एस.के. कुलश्रेष्ठ, डॉ. राजकिशोर, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डी.के. गर्ग सहित समस्त अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला कार्यालय पबंधक सहित समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।