झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय/विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट शकील अहमद खां की अदालत में शौच हेतु गई दलित महिला के साथ अश्लील हरकतों का विरोध करने पर जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर जान से मारने की धमकी का आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त को 03 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गयी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बी.के. राजपूत ने बताया कि ग्राम बड़ागांव निवासी एक व्यक्ति ने थाना मऊरानीपुर में तहरीर देते हुये बताया था कि 29 अगस्त 2007 को वह मजदूरी हेतु मऊरानीपुर गया था। उसकी मां व पिता खेत पर गये थे। शाम करीब 06 बजे उसकी पत्नी शौच हेतु पास के ही पहाड़ पर गयी थी। उसी समय गांव के ही सुखभान सिंह उर्फ सूके ने अकेला पाकर उसे पकड़ लिया और अश्लील हरकतें करने लगा। विरोध करने पर जबरन जमीन पर पटककर छेड़छाड़ करने लगा। चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर छोटी बहन मौके पर पहुंच गयी। सुखभान सिंह ने तमंचा निकालकर दोनों को डराते-धमकाते हुये जान से मारने की धमकी दी। भयभीत ननद-भाभी घर लौट आई और शाम को पति के लौटने पर आपबीती सुनाई। इसके बाद जब पीडि़ता का पति सुखभान के घर पहुंचा तो उसे भी जाति सूचक शब्दों से अपमानित करते हुये जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अभियुक्त सुखभान सिंह उर्फ सूखे को धारा 354, 506 भा0द0सं0 व धारा 3(1)10 एससी/एसटी एक्ट के अपराध में 03-03 वर्ष के कारावास, क्रमश: 01-01 हजार रुपये अर्थदण्ड, अदा न करने पर 01-01 माह के अतिरिक्त कारावास तथा धारा 504 के अपराध में 01 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गयी।