झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) राधे मोहन श्रीवास्तव की अदालत में दहेज में चार पहिया वाहन व 10 लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर हत्या का आरोप सिद्ध होने पर पति, सास-ससुर को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गयी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रामकुमार पाण्डेय ने बताया कि विगत 25 जनवरी 2018 को ग्राम खैरा निवासी जगन्नाथ ने थाना रक्सा में तहरीर देते हुये बताया था कि उसकी पुत्री रानी राजपूत की शादी करीब 10 वर्ष पूर्व दयानन्द पुत्र दशरथ निवासी अवधपुर बाजना के साथ हुई थी। अपनी हैसियत से अधिक दान-दहेज दिये जाने के बाद भी शादी के बाद से ही ससुराली जन 10 लाख रुपये व चौपहिया वाहन की मांग को लेकर उत्पीडऩ करने लगे। कई बार समझाने के बाद भी उनके कार्यकलापों में बदलाव नहीं आया। इसी दौरान रानी ने तीन ब’चों को जन्म दिया। इसके बाबजूद उत्पीडऩ जारी रहा। 05 जुलाई 2014 को मारपीट कर रानी को मरणासन कर दिया। जिसकी रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के बाद मुकदमा चला। बाद में पंचायत में ससुराली जनों ने समझौता कर लिया और रानी को साथ लिवा ले गये। कुछ समय बाद पुन: उत्पीडऩ करने लगे। नये ट्रैक्टर की मांग पूरी न होने पर जान से मारने की धमकी दी गयी। 23 जनवरी 2018 को सभी ससुराली जनों ने मारपीट कर रानी को जान से मार दिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दयानन्द, दशरथ, श्रीमती मुन्नी देवी, आनंद, बृजेन्द्र, रामू, वीरेन्द्र, विनिता, पुष्पेन्द्र व काशीलाल के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया।
पुलिस ने विवेचना उपरांत पति दयानन्द, ससुर दशरथ व सास मुन्नीदेवी के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। जहां आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त दयानन्द, दशरथ व मुन्नी देवी को धारा 304 भा0द0सं0 के अपराध में 10-10 वर्ष के कारावास, 20-20 हजार रुपये अर्थदण्ड, धारा 498ए व धारा 506 के अपराध में 02-02 वर्ष के कारावास, 10-10 हजार रुपये अर्थदण्ड, धारा 04 दहेज प्रतिषेध अधि0 में 06-06 माह तथा धारा 498ए व 304 में अर्थदण्ड की अदायगी न किये जाने पर 03-03 व 04-04 माह के अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई गयी। अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि वादी मुकदमा के विधिक प्रतिनिधि को बतौर क्षतिपूर्ति अदा की जायेगी











