• ललित कला संस्थान में चार दिवसीय कला प्रदर्शनी का समापन
    झांसी। बीयू परिसर के ललित कला संस्थान के सभागार में चार दिवसीय वार्षिक कला प्रदर्शनी कला अभिव्यक्ति-2019 के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक विपिन कुमार सिंह ने बताया कि कला किसी भी मनुष्य के अन्दर की एक जन्मजात प्रतिभा होती है। अभ्यास तथा प्रशिक्षण के द्वारा उसमें सुधार किया जा सकता है, परन्तु विशिष्टता प्राप्ति हेतु कला के प्रति समर्पण आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने अन्दर की मनुष्यता और संवेदनशीलता का उपयेाग कला के क्षेत्र में करने का संदेश दिया।
    उन्होंने छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि वे जीवन में धैर्य, अनुशासन, कलात्मकता एवं जिज्ञासा जैसे आदर्श गुणों को अपने अन्दर समाहित करें तभी वे अच्छे मनुष्य व अच्छे कलाकार बन सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागी कलाकारों की प्रदर्शित कला कृतियों की प्रशंसा की तथा कहा कि उन्हें अपने अन्दर अभिमान आने से रोकना है। यद्यपि सभी कलाकारों का कार्य उत्तम है परन्तु उन्हें अब उत्तम से अति उत्तम की ओर बढना है, तभी वे सच्चे कलाकार बन सकते हैं। अध्यक्षता करते हुए बीयू के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. देवेश निगम ने कहा कि यद्यपि कला मानव में जन्मजात होती है, परन्तु निरन्तर अभ्यास से कलाकार की कला में निखार आता रहता है। प्रो. निगम ने कहा कला के छात्रों से कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि वे कई हजार शब्दों के विवरण को एक चित्र या पेन्टिग या कॉर्टून के माध्यम से अधिक बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने संस्थान के इन प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में भी जारी रखने की अपील की।
    विशिष्ट अतिथि डा. डी.के.भटट ने कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों व उनके प्रस्तुतीकरण की सराहना करते हुए कहा कि ललित कला संस्थान के विद्यार्थी विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करने में सदैव आगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी स्वयं ललित कला संस्थान के छात्रों की प्रतिभा के बहुत बडे प्रशंसक हैं। डा.पुनीत बिसारिया ने कहा कि कला ही जीवन है। कला का ज्ञान, मानव के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है, यह मनुष्य की मानसिक शक्तियों का विकास करके उसे पशुत्व से उपर उठाता है। उन्होंने बताया कि ललित कला संस्थान के छात्रों की कला प्रतिभा का जिक्र कई अन्य स्थानों पर भी सुनने को मिलता है।
    उल्लेखनीय है कि ललित कला संस्थान, छात्रों के द्वारा वर्ष भर प्रायोगिक कार्य तथा अभ्यास हेतु बनाये गये चित्रों की संस्थान द्वारा एक वार्षिक कला प्रदर्शनी के द्वारा आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास करता है। इस कला प्रदर्शनी का मुख्य उददेश्य ललित कला के छात्रों की प्रतिभा को आम जनता तक पहुंचाना है।। इस वर्ष इस प्रदर्शनी को झांसी एवं आसपास के विभिन्न कलाकार तथा गणमान्य व्यक्ति भ्रमण छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन कर चुके हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्थान की समन्वयक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा बताया कि इस प्रदर्शनी में संस्थान के छात्र-छात्राओं के द्वारा बनाये गये लगभग दो हजार से अधिक चित्र प्रदर्शित किये गये हंै। इस अवसर पर डा. राधिका चौघरी, दिलीप कुमार, जयराम कुटार, मुकुल वर्मा, आरती वर्मा डॉ.उमेश कुमार, अभिषेक कुमार, उमेश शुक्ला आदि उपस्थित थे। अन्त में आभार डॉ. अजय कुमार गुप्ता ने व्यक्त किया।