Oplus_131072

झांसी। न्यायालय विशेष न्यायधीश अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम झांसी धीरेंद्र कुमार तृतीय की अदालत में तीन वर्ष पूर्व हत्या के मामले में अभियुक्त बनाए गए दस आरोपियों को हत्या का दोष सिद्ध न होने पर दोषमुक्त कर दिया है। एक आरोपी नाबालिग होने पर प्रकरण किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।

अभियुक्तों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विवेक वाजपेई ने बताया कि मध्यप्रदेश के जिला ग्वालियर गदाईपुरा व हाल आदर्श नगर सीपरी निवासी रचना रायकवार ने 7 सितंबर 2020 को रक्सा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका भाई राकेश रायकवार अपने साथी रक्सा के ग्राम हैवदा निवासी मूलचंद्र, कल्लू आदि से मिलने गया था। उन लोगों से उसने भाई को रुपए पैसे व गाड़ी चाहिए थी लेकिन यह लोग नहीं दे रहे थे। उसने रिपोर्ट में बताया कि इन्हीं लोगों ने उसके भाई के खिलाफ तीन सितंबर 2020 को झगड़े की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और तभी से उसका भाई गायब था। जिसकी लाश आज गांव में नजदीक तालाब में मिली। उसने आशंका जाहिर करते हुए बताया था कि कल्लू, मूलचंद्र, मुन्ना, रामकिशन, कप्तान, सुरेंद्र, कन्हई, शोभाराम, नाबालिग आकाश, मनीष, राज केवट ने मिलकर उसके भाई की हत्या कर शव को फेंक दिया है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर सभी को जेल भेजते हुए न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। इस मामले में आकाश नाबालिग था तो उसका आरोप पत्र किशोर न्यायलय में दाखिल किया था।

इस प्रकरण में सुनवाई के बाद न्यायालय ने सभी दस आरोपियों पर हत्या का दोष सिद्ध न होने पर सभी को दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही आकाश की पत्रावलियां किशोर न्यायलय में चलने पर उसका फैसला किशोर न्यायालय ओर छोड़ दिया है।