• माता के प्रसाद के नाम पर बेहोशी की दवा मिले लडडू खिलाए, हालत बिगड़ी
    झांसी। भले ही जीआरपी व आरपीएफ यात्रियों व उनकी सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए कितनी ही सतर्कता बरते अथवा जागरुकता अभियान चलाए, किन्तु अपराधी मौका मिलते ही घटनाओं को अंजाम देकर रेलवे पुलिस को चुनौती देने में पीछे नहीं रहते। आगरा-झांसी पैसिंजर ट्रेन मेें सवार सहारिया मजदूर परिवारों के दस सदस्यों को जहरखुरान ने माता के प्रसाद के नाम पर बेहोशी की दवा मिले लडडू खिला कर बेहोश तो कर दिया, किन्तु उनका माल नहीं लूट पाया और खाली हाथ ट्रेन से उतर गया। जहरखुरान के मिशन में विफल होने के पीछे लडडू खाने से इंकार कर देने पर कुछ मजदूरों के जाग्रत रहना बताया गया है।
    दरअसल, बुन्देलखण्ड के जनपद ललितपुर के बार तहसील में लड़वारी रोड जैन मन्दिर के निकट सहारिया जाति के मजदूर परिवार रहते हैं। इनमें कुछ परिवारों के डेढ़ दर्जन से अधिक सदस्य छह अप्रैल को फसल काटने के लिए मुरैना के मउखेड़ा सरसा गए थे। यह लोग वहां दो सौ रुपए प्रति दिन पर फसल काटते हैं। काम निपटाने के बाद मउखेड़ा सरसा से अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर वापस घर जाने के लिए शनिवार की देर सायं लगभग सात बजे सभी मजदूर अपने ब’चों सहित मुरैना स्टेशन पहुंच गए। वहां रात लगभग आठ बजे आगरा-झांसी पैसिंजर के आने पर सभी उसके एक कोच में सामान सहित सवार हो गए। ट्रेन के चलने के पूर्व एक व्यक्ति झोला लेकर उनके कोच में सवार होकर मजदूरों के निकट की सीट पर बैठ गया। ट्रेन के चलने के दस मिनट केबाद उस व्यक्ति ने मजदूरों से बातचीत करते हुए पूछा कि वह लोग मुरैना में माता के मन्दिर में दर्शन करने गये थे, किन्तु जब मजदूरों ने न में जवाब दिया तो उसने अपने झोले में हाथ डाल कर बेसन के लडडू निकाले और उन्हें माता का प्रसाद बताते हुए बड़ों को दो-दो लडडू व ब’चों को एक-एक लडडू बांट दिए, किन्तु कुछ मजदूरों क्रमश: कल्लू पुत्र दिब्बा, ममता पत्नी पूरन, कृपाल पुत्र कन्छेदी, किरन पत्नी कृपाल, मधु ने उस अपरिचित से लडडू नहीं लेकर हाथ जोड़ लिए।
    रास्ते में जिन्होंने लडडू खाए थे वह उल्टियां करते हुए बेसुध होने लगे, यह देख कर जिन्होंने लडडू नहीं खाए थे वह घबरा गए और मौका देख कर ग्वालियर स्टेशन के पूर्व के स्टेशन पर लडडू बांटने वाला टे्रन से उतर कर चला गया। इसके बाद ट्रेन रात लगभग १२ बजे झांसी स्टेशन पर प्लेटफार्म पर पहुंची तब बेहोश मजदूरों के साथी कल्लू पुत्र दिब्बा ने वहां गश्त कर रही जीआरपी को घटना की जानकारी दी। जहरखुरानी की बात सुन कर जीआरपी के होश उड़ गए। जीआरपी ने तत्काल कोच में बेहोश महिला व पुरुष मजदूरों व उनके ब’चों को सामान सहित उतरवा लिए। सूचना मिलने पर एसपी रेलवे भी प्लेटफार्म पर पहुंच गए और शिकार बने यात्रियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जीआरपी ने बेहोश मजदूरों व उनके ब’चों को चिकित्सा के लिए एम्बुलेंस की मदद से मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। मेडिकल कालेज में चिकित्सकों ने तत्परता से बेहोश १६ वर्षीय राखी पुत्री कल्लू, ३० वर्षीय पूरन पुत्र हीरा लाल, १२ वर्षीय भूपेन्द्र पुत्री हीरा लाल, ८ वर्षीय खुशबू पुत्री पूरन, २६ कल्याण पुत्र कोमल, १६ वर्षीय प्रवेश पुत्री श्रीराम, ५० वर्षीय पुक्खन पत्नी रामदयाल, ८ वर्षीय अभी पुत्र गुडडा, ६ वर्षीय देव पुत्र कृपाल, १५ वर्षीय मुस्कान पुत्री कनछेदी का उपचार शुरू कर दिया। प्रात: तक दो को छोड़ कर सभी को होश आ गया और उनकी हालत भी सुधर गयी। दोपहर तक दो और मजदूरों की हालत सुधर गयी। इस पर जीआरपी ने राहत की सांस ली।
    इस घटना की रिपोर्ट आज थाना जीआरपी में कल्लू ने अज्ञात जहरखुरान के खिलाफ दर्ज करा दी। उधर, मुरैना पुलिस ने भी जीआरपी थाने व मेडिकल कालेज पहुंच कर पीडि़तों से बात कर घटना व जहरखुरान के हुलिया आदि की जानकारी ली। मेडिकल कालेज में पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य भी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए और पीडि़तों से जानकारी कर बेहतर इलाज कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान विवेक बाजपेयी, अखिलेश गुरुदेव, रवि दुबे, विनोद जैन, इम्तियाज हुसैन, शिरोमणि जैन, विनय उपाध्याय आदि कांगे्रसियों ने पीडि़तों को खाना खिलाया।