झांसी । बजरंग कॉलोनी में श्री रुद्र महायज्ञ में आयोजित भागवत कथा में प्रवचन करते हुए आचार्य हरिवंश दास ने कहा कि सनातन संस्कृति ही विश्व में समन्वय समरसता स्थापित करने का एकमात्र साधन है। सत्संग के माध्यम से ही समाज में वास्तविक समरसता आ सकती है और समन्वय स्थापित हो सकता है। उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं श्रीमद् भागवत कथा में सारे लोग एक साथ बैठकर कथा श्रवण कर रहे हैं, साथ में नाच रहे हैं, झूम रहे हैं, गा रहे हैं। क्या कोई किसी से कुछ पूछता है कि आप क्या हैं।

आचार्य श्री ने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं माखन चोरी की लीलाओं का सुंदर वर्णन चित्रण किया। इंद्र का अहंकार मर्दन, गोपियों का भक्ति भाव की कथा सुनाई और भक्त की दुष्टों के बीच में स्थिति को विभीषण जी का चरित्र सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। गोवर्धन लीला पर पंचम दिवस की कथा का समापन हुआ।

प्रारंभ में भागवत का पूजन अनिल सुषमा खरे, सरस्वती संजय दुबे, वीरेंद्र पटेल, सर्वेश पटेल, एमएलसी रमा आर पी निरंजन, विधायक रवि शर्मा, पूर्व विधायक केपी राजपूत ने किया। गोवर्धन जी का पूजन झांसी मंडल आयुक्त विमल दुबे के द्वारा किया गया। अंत में सभी अतिथियों ने श्री भागवत जी की आरती की। श्रीमद् भागवत के मंच पर वनवासी कल्याण आश्रम के बालकों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया और श्रीमद् भागवत की आरती की।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रांत प्रचारक राष्ट्रीय सचिव इतिहास संकलन समिति संजय हर्ष, वनवासी कल्याण आश्रम के बाबूलाल, राम जी, धर्मेंद्र भार्गव, अनिल कुशवाहा, विष्णु यादव, डॉ प्रज्ञा, डॉक्टर नीरज श्रीवास्तव, अवधेश निरंजन, राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अरजरिया, शैलेंद्र, चंद्र प्रकाश पस्तोर, सत्यम, श्रेयांश, प्रीति द्विवेदी सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे। आज भी रुद्र महायज्ञ में श्रृद्धालुओं ने आहुतियां देकर पुण्य लाभ अर्जित किया।

स्वामी सत्य मित्रानंद गिरि की प्रेरणा से देवालय की स्थापना 

स्वामी सत्य मित्रानंद गिरि जिनका संपूर्ण जीवन भारत माता की सेवा में समर्पित रहा, बनवासी गिरवासी आदिवासियों के बीच में लगातार कार्य करते रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक रहते हुए भी और बाद में सन्यास ग्रहण करने के बाद भी उन्हें स्वामी जी की प्रेरणा से समन्वय देवालय की स्थापना झांसी की बजरंग कॉलोनी में की जा रही है।