झांसी। मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन एवं सिग्नल व टेलिकॉम, परिचालन, इंजीनियरिंग तथा विद्युत (ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन/जनरल) विभागों के समन्वय से पुखरायां-मलासा सेक्शन (PHN-MLS) में इंजीनियरिंग लेवल क्रॉसिंग गेट संख्या 206 एवं 207 का इंटरलॉकिंग कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया।
इस कार्य के तहत पॉवर ऑपरेटेड लिफ्टिंग बैरियर (POLB) प्रणाली की व्यवस्था ग्लोबल डिवाइस द्वारा की गई है I इसके साथ ही स्लाइडिंग बूम की व्यवस्था की गई, वहीं UP दिशा में पुखरायां स्टेशन के एडवांस स्टार्टर सिग्नल एवं स्टार्टर सिग्नल को दो-अवस्था (2 Aspect) से चार-अवस्था (4 Aspect) में अपग्रेड किया गया। इसी तरह DN दिशा में होम सिग्नल को तीन-अवस्था (3 Aspect) से चार-अवस्था (4 Aspect) में परिवर्तित किया गया। इसके अलावा पुखरायां स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) का परिवर्तन कार्य 33 मार्गों (Routes) के साथ पूर्ण किया गया, जबकि RTU, फ्यूज अलार्म, ELD तथा STATCON make IPS की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। इस महत्वपूर्ण कार्य से रेलवे परिचालन अधिक सुरक्षित, दक्ष और विश्वसनीय हो गया है, जिससे यात्रियों को बेहतर और सुचारू रेल सेवा प्रदान की जा सकेगी।
रेलवे इंटरलॉकिंग एक सुरक्षा प्रणाली है जो सिग्नलिंग और प्वाइंट्स (ट्रैक बदलने वाले उपकरण) को नियंत्रित करती है, जिससे ट्रेन संचालन सुरक्षित और कुशल बनता है। इसके प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:
1. टकराव रोकता है – दो ट्रेनों के एक ही ट्रैक पर आ जाने की संभावना को खत्म करता है।
2. ट्रेन संचालन में सुधार – ट्रेनों का सुचारू और समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करता है।
3. स्वचालित नियंत्रण – सिग्नल और पॉइंट्स को कंप्यूटराइज्ड तरीके से नियंत्रित करता है।
4. गलत संचालन को रोकता है – मानवीय भूलों से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करता है।
5. यात्री सुरक्षा बढ़ाता है – ट्रेनों की गति, दिशा और स्थिति को नियंत्रित करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।