मासिक साहित्यिक सरस काव्य संगोष्ठी समर्पित रही सन्त रविदास जयन्त्ति एवं बसन्त पर्व को
झांसी। शास्त्री विश्व भारती साहित्य एवं संस्कृति शोध संस्थान, सीपरी बाजार झाँसी के तत्वाधान में विगत 1965 से अयतन संचालित नियमित मासिक साहित्यिक सरस काय संगोष्ठी, शास्त्री भवन में सम्पन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ० पी० के अग्रवाल (सेवा निवृत्त, आईएएस साहित्य भूषण] द्वारा की गई। मुख्य अतिथि डॉ० गौरीशंकर उपाध्याय ‘सरल’ एवं विशिष्ठ अतिधि ए० के० हिंग्वासिया, प्रताप नारायण दुबे, श्री नारायण त्रिवेदी (सेवा – निवृत गृहमंत्रालय), निहाल चन्द्र शिवहरे, नीलम गुप्ता, अनीता शर्मा रही। डॉ सुश्री नीति शास्त्री द्वारा सभी का स्वागत किया गया।
गोष्ठी का सुभारम्भ डॉ० ब्रजलता मिश्रा की बुन्देली वाणी वन्दना से हुआ। तत्पश्चात बसन्त- पंचमी पर्व एव संत रविदास को समर्पित काव्य रचनाओं की क्रमशः प्रस्तुति की गई सर्व श्री सी. वी० राय ‘तरुण’ गया प्रसाद वर्मा मधुरेश, रामविहारी सोनी “तुक्कड़ त्रिवेदी, प्रतीक्षा गुप्ता हिमांशु अग्रवाल, तेजभान सिंह बुन्देला बलराम सोनी `विशिक `, सपना बबेले, रमा शुक्ला, मंजू ओमर, संजय तिवारी राष्ट्रवादी, डॉ मनमोहन मनु, सीताराम कुशवाहा, ब्रह्मादीन बंधु, काशीराम सेन मधुप, सुदर्शन शिवहरे, डॉ सुखराम चतुर्वेदी फौजी इत्यादि ने अपनी रचनाओं से गोष्ठी को सार्थक बनाया।
इस अवसर पर डॉक्टर गौरी शंकर उपाध्याय सरल की 15 वीं कृति नन्हे मुन्नों के बाल गीत 2 पुस्तक एवं शैक्षिक साहित्य पत्रिका के 12 अंक का विमोचन किया गया। सभा अध्यक्ष एवं सभी विशिष्ट अतिथियों ने प्रेरक काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं। गोष्ठी का संचालन सुखराम चतुर्वेदी फौजी द्वारा किया गया। डॉ नीति शास्त्री ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अब्दुल रशीद, सुभाष चंद्र, राम सेवक अरजरिया, दीपक त्रिपाठी आदि भी उपस्थित रहे।