प्रयागराज। आरपीएफ/उ.म.रे. द्वारा महाकुम्भ-2025 के दृष्टिगत यात्रियों/श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण से भी अहम भूमिका निभाई जा रही है। अमिय नन्दन सिन्हा, आईजी/आरपीएफ/उ.म.रे. के द्वारा महाकुम्भ-2025 के प्रारम्भ से पूर्व ही आरपीएफ के सभी जवार्नी को यात्रियों/श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ हर परिस्थिति में मदद व मधुर व्यवहार करने का मूलमंत्र दिया गया था, इसी मूलमंत्र को आरपीएफ के जवानों द्वारा चरितार्थ करते हुए स्टेशनों एवं रेल गाड़ियों से यात्रा के दौरान महाकुम्भ की भीड़ में अपने परिजनों से बिछड़े हुए 289 लोगों को तत्काल कार्यवाही करते हुए उनके परिजनों से मिलवाया।
प्रयागराज परिक्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों जैसे-प्रयागराज जं., सूबेदारगंज, नैनी, प्रयागराज छिवकी पर अपने परिजनों से बिछुड़े बच्चों, महिलाओं व बुर्जुगों को बचाने व उनको सुपुर्द करने हेतु विशेष टीम अथवा भूले बिछडे सहायता केंद्रों का गठन किया गया, जिसमें विभिन्न भाषाओं की जानकारी रखने वाले आरपीएफ स्टाफ को तैनात किया गया है ताकि पूरे भारत वर्ष के किसी भी स्थान से आए हुए बच्चों की पीड़ा व भाषा शैली को समझने व समझा पाने में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो, साथ ही साथ इन सभी सहायता केंद्रों पर महिला बल सदस्यों को भी तैनात किया गया है ताकि किसी भी अकेली बालिका के मिलने पर उनकी सुरक्षा में किसी प्रकार का कोई अभाव न रह पाये।
स्टेशनों पर भारी भीड़ के दौरान जैसे ही आरपीएफ के भूले बिछड़े सहायता केन्द्र पर अपने परिजनों से बिछड़े बच्चों, महिलाओ व बुर्जुगों की सूचना प्राप्त होती ही तत्काल आरपीएफ टीम के द्वारा सम्पूर्ण स्टेशन परिसर में एलाउन्समेन्ट कराने के साथ-साथ सीसीटीवी के माध्यम से बिछड़े व्यक्ति की पहचान कर उनके परिजनों से मिलवाया और यदि सीसीटीवी के माध्यम से गुमशुदा व्यक्ति ट्रेन से किसी दिशा की ओर जाते हुए दिखाई दिया तो ऐसी परिस्थिति में तत्काल अगले स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ को जानकारी देकर ट्रेन को सर्च कराया गया व गुमशुदा व्यक्ति को हजारो लाखों की भीड़ से खोज कर उसके परिजनों से मिलवाया। महाकुम्भ के दौरान आरपीएफ द्वारा परिवारजनों से बिछड़े हुए सभी बच्चों, महिलाओं व बुर्जुगों को उनके परिजनों से मिलाने व उनके अमूल्य जीवन को उपयुक्त सुरक्षा मुहैया कराने हेतु निरन्तर तत्पर है।