• जांच टीम ने ग्वालियर में कैटरिंग स्टाल में लगी आग प्रकरण में फ ायर ऑफिसर सहित कर्मियों के बयान लिए
    झांसी। 26 अप्रैल को उमरे के ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफ ॉर्म क्रमांक 01 पर कैटरिंग स्टॉल पर स्टॉल पर लगी आग के मामले में 6 सदस्यीय जांच दल द्वारा जांच शुरू कर दी गयी है। जांच के शुरूआत में ही ऐसे तथ्य प्रकाश में आए हैं कि जिनसे स्पष्ट होता है कि स्टाल में आग बुझाने के कोई साधन नहीं थे और न ही कर्मचारी प्रशिक्षित थे। इतना ही नहीं यदि आग बुझाने में अधिक समय लग जाता तो स्टाल के परखच्चे उड़ जाते क्योंकि वहां कुकिंग गैस से भरे सिलिण्डरों का जखीरा रखा था।
    दरअसल, स्टाल में आग प्रकरण में अपर मंडल रेल प्रबंधक द्वारा वरिष्ठ स्तर की 06 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। इस समिति में शामिल स्टेशन निदेशक ग्वालियर, सहायक अभियंता ग्वालियर, मंडल विद्युत अभियंता टीआरडी, सहायक सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ, सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी व मंडल वाणिज्य प्रबंधक की टीम द्वारा जांच शुरू कर दी गयी है। इसके तहत ग्वालियर स्टेशन पर पहुंच कर टीम द्वारा घटना के समय व घटना के बाद मौजूद लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इसी क्रम में टीम ने स्टाल की आग को बुझाने गयी ग्वालियर दमकल के अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान लिए। इसमें सहायक फ ायर ऑफिसर देवेन्द्र जखेनिया ने बताया कि यदि 10 मिनट की देरी हो जाती तो स्टाल व उसके आसपास के क्षेत्र के परखच्चे उड़ जाते। उन्होंने बताया कि 14 किलो का घरेलू लाल सिलेंडर स्टॉल के अंदर जल रहा था उसके बगल से ही तीन सिलेंडर कॉमर्शियल रखे हुए थे। आग की तपिश के कारण यह इतने गर्म हो चुके थे कि यदि आग बुझाने में 5 से 10 मिनट की देरी और हो जाती तो स्टेशन की स्टाल के परख’चे उडऩा तय था लेकिन समय रहते उन पर पानी डाल कर ठण्डा किया और गीला बोरा सिलेंडर पर डालकर उसकी जल रही नोब की आग बुझाई। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया का वीडियो और फोटो भी है।
    बताया गया कि इसके बाद स्टॉल की आग पर काबू पाकर उसके अंदर बने कमरे का ताला खुलवाया तो उसके अंदर 8 कॉमर्शियल सिलेंडर रखे मिले, जिन्हें भी बाहर निकाला गया। कमरे के अंदर बनी गैलरी का ताला खुलवाया तो उसके अंदर 2 और सिलेंडर मिले। इन सभी सिलेंडरों को प्लेटाफार्म नंबर एक पर रखवा दिया था जिसके फोटो भी उसके द्वारा लिए गए। इसके बाद प्रतीक्षालय और बुकिंग ऑफिस में लगी आग पर काबू पाने में व्यस्त हो गए। लौटकर देखा तो वहां से सभी सिलेंडर गायाब हो चुके थे।
    बताया गया कि आग की लपटों से स्टॉल के अंदर रखे फ्र ीजर के कम्प्रेसर ब्लास्ट होने से आग तेजी से फैली। इसके बाद टीम ने फ ायर मैन स्माइल अहमद और खरेश धारीवाल के भी बयान दर्ज किए। इन दोनों ने भी लगभग वही बयान दोहराए जो सहायक फ ायर ऑफिसर ने दर्ज करवाए थे। इसके बाद स्टॉल संचालक राजू मिश्रा, वहां पर काम करने वाले दामोदर उर्फ बंटी, बिजली अधिकारी एमपी सिंह और अन्य सम्बन्धित के भी बयान दर्ज किए गए। बताया गया है कि जांच दल द्वारा सहायक फ ायर ऑफिसर सहित फायर कर्मियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और सम्बन्धित कुछ दस्तावेज लेना बाकी है। गौरतलब है कि स्टाल में लगी आग प्रकरण में रेल प्रशासन द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए प्रथम दृष्टया मुख्य खानपान निरीक्षक ग्वालियर तथा वरिष्ठ खंड अभियंता विद्युत ग्वालियर को लापरवाह मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। रेल प्रशासन का कहना है कि जांच के परिणाम आने पर जो भी दोष सिद्ध पाया जाएगा, उनके खिलाफ सख्त विधिक कार्यवाही की जाएगी।