लोको पायलट ने लगाए इमरजेंसी ब्रेक, बर्निंग ट्रेन होने से बची
दहशत में घिरे यात्री कोचों से उतर कर ट्रैक पर तमाशबीन बने
झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन से भोपाल के लिए रवाना हुई 12616 जीटी एक्सप्रेस के एसी लोको उस समय आग की लपटों से घिर गया जब ट्रेन झांसी से लगभग 50 किमी दूर बसई (मप्र) स्टेशन के समीप दौड़ रही थी। इंजन से आग की लपटें निकलते देख लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक कर कंट्रोल रूम को सूचना दी। इंजन में आग की खबर फैलते ही दहशत में आए यात्री अपने अपने कोचों से उतरकर रेलवे ट्रैक के किनारे खड़े हो कर तमाशबीन नजर आए। लोको पायलट ने तत्काल आग बुझाने का उपकरण फायर इंस्टीग्यूसन का प्रयोग कर लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू कर लिया, किन्तु इंजन जलने से रेलवे को लाखों की क्षति पहुंची है। हादसे के कारण ट्रेन को लगभग पांच घंटे तक घटना स्थल पर रोके रखना पड़ा, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। आग लगने के कारण की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
रविवार को दिल्ली से चल कर भोपाल की ओर जा 12616 जीटी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 37 मिनट की देरी से वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पहुंची थी। झांसी से ट्रेन रात 12 बजे भोपाल के लिए रवाना हुई। ट्रेन झांसी से लगभग 50 किमी दूर बसई (मप्र) स्टेशन के समीप दौड़ रही थी तभी अचानक इंजन से आग की लपटें निकलते देख लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक कर कंट्रोल रूम को सूचना दी और आग बुझाने के उपकरण फायर इंस्टीग्यूसन का प्रयोग कर आग को बुझाया। समय रहते आग पर काबू हो जाने से आग कोचों तक नहीं पहुंच पाई जिससे यात्री व उनका सामान आदि पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
ट्रेन के अचानक रुकने का कारण जानने पर जब इंजन में आग की खबर मिली तो दहशत में आए यात्री अपने अपने कोचों से उतर उतर कर रेलवे ट्रैक के किनारे खड़े हो कर तमाशबीन नजर आए।
ट्रेन को डीजल इंजन से भेजा गया भोपाल
आग से क्षतिग्रस्त एसी लोको को हटाकर एक अन्य डीजल इंजन से ट्रेन को भोपाल के लिए रवाना किया गया। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में 4.40 घंटे का समय लग गया, जिससे ट्रेन का शेड्यूल पूरी तरह प्रभावित हो गया। हालांकि इस ट्रेन के पीछे की ट्रेन को तीसरी लाइन से पास किए जाने से यातायात प्रभावित नहीं हुआ।
आग लगने के कारण की जांच के आदेश
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि इंजन में तकनीकी खराबी के चलते शॉर्ट सर्किट हुआ होगा, जिससे आग लग गई। हालांकि, वास्तविक कारण रेलवे की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल इस घटना ने रेलवे की मेंटीनेंस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।