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तीमारदारों ने डॉक्टर का हाथ तोड़ा, तीमारदारों को बंधक बना कर धुनाई, दो घायल 

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झांसी। एक बार फिर से मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स और तीमारदारों के बीच जमकर मारपीट हुई। मारपीट के दौरान आग से झुलसे ललितपुर के किसान ने दम तोड़ दिया तो परिवार बिलख उठा। पति की मौत से पत्नी अस्पताल में ही बेहोश होकर गिर पड़ी। पुलिसकर्मी ने पानी की छीटें मारकर उन्हें होश में लाए। करीब एक घंटे तक मां-बेटे एक-दूसरे से लिपटकर रोते रहे। आरोप है कि वह मरीज को लेकर जा रहे थे, तभी डॉक्टरों ने हमला कर दिया। महिला को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पुलिस ने सभी तीमारदारों को बचाया। मृतक के बेटे ने 50 हजार रुपए, मोबाइल और सोने की चेन लूटने का आरोप लगाया है तो वहीं, डॉक्टर ने तीमारदारों पर हाथ तोड़ देने का आरोप लगाया है। दोनों पक्षों ने थाना नवाबाद की चौकी में तहरीर दी है। इस घटना के बाद डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। मेडिकल कॉलेज प्रशासकों ने किसी तरह से मामले को कंट्रोल किया।

जिला ललितपुर के लक्ष्मी नगर निवासी 50 वर्षीय किसान जुगल किशोर साहू पैरालिसिस से पीड़ित थे। सोमवार को वह घर में पलंग पर लेटे लेटे बीड़ी पी रहे थे, इसी दौरान उनके कपड़ों में आग लग गई जिससे वह आग से बुरी तरह झुलस गए थे। आनन-फानन में ललितपुर जिला अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर यहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया गया। परिजन उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज लाए थे। यहां उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। अमित ने बताया कि मंगलवार शाम को डॉक्टर ने पिता को ग्वालियर रेफर कर दिया। जब वह पिता को स्ट्रेचर से बाहर खड़ी एम्बुलेंस में ले जा रहे थे तो एक डॉक्टर को हल्का से धक्का लग गया। उसने डॉक्टर को सॉरी बोला। आरोप है कि डॉक्टर ने उसे गाली देना शुरू कर दिया। जब उसने माफी मांगते हुए गाली देने का विरोध किया तो वह मारपीट करने लगे। डॉक्टर ने शोर मचाते हुए अपने साथियों और गार्डों को बुला लिया। इस दौरान सभी ने उस पर हमला कर दिया। उसे बचाने उसके चाचा रामेश्वर और मां आईं तो हमलावरों ने उन्हें भी पीटा। मारपीट में मेरा सिर फट गया जबकि चाचा का माथा फट गया। उनके माथे से खून की धार बह निकली। जब मेरी मां ने हाथ जोड़कर विनती की तो उन्हें भी पीटा।

इस पर मां बचने को भागी तो उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया और उनके साथ मारपीट की। बताया कि मारपीट के दौरान उसके 50 हजार रुपए और चाचा की सोने की चेन लूट ली। गार्ड ने उसके हाथ से मोबाइल छीन लिया। मांगने पर गार्ड ने उसे नहीं दिया। अमित ने बताया कि यह लोग पुलिस के सामने भी पीटते रहे। किसी तरह पुलिस ने हम लोगों को बचाया। अगर पुलिस नहीं पहुंचती तो मुझे मार डालते। इस मामले में डॉक्टर का कहना है कि मारपीट के दौरान तीमारदारों ने उसका हाथ तोड़ दिया। उसके साथ सभी ने मारपीट की है। दोनों पक्षों ने मामले में तहरीर दी है।

बेटा बोला-मारपीट के दौरान पिता ने दम तोड़ा

बेटे अमित ने बताया- मैंने पिता को ग्वालियर ले जाने के लिए एम्बुलेंस मंगवाई थी। जब मैं पिता को लेकर जा रहा था, उस समय वह जिंदा थे। इसी बीच डॉक्टर्स और गार्ड हम लोगों को पीटने लगे। मारपीट के दौरान मेरे पिता की मौत हो गई। मारपीट खत्म होने के बाद अमित पिता के पास पहुंचा तो देखा कि उसके पिता की सांस थम चुकी थी। यह देखकर वह जोर-जोर से रोने लगा। मां पहुंची तो वह बेहोश होकर गिर गई। पुलिसकर्मी ने उन्हें संभाला और पानी की छींट मार कर होश में लाया। फिर पानी पिलाया। करीब एक घंटे तक मां और बेटे एक-दूसरे से लिपटकर रोते रहे। चाचा और पुलिसकर्मी उन्हें सांत्वना देते रहे।

इस घटना में एक डॉक्टर को भी गंभीर चोट आई हैं। डॉक्टर अंशु चौहान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी ड्यूटी का समय खत्म होने के बाद वह इमरजेंसी से बाहर निकले तो यहां मरीज के तीमारदार खड़े थे। इससे पहले वह कुछ समझ पाते उन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी। इसमें उनका एक हाथ टूट गया।

इधर, जूनियर डॉक्टर्स के समर्थन में इमरजेंसी में मौजूद नर्सिंग स्टाफ व वरिष्ठ चिकित्सक काम बंद कर इमरजेंसी से बाहर निकल आए। उनका कहना था कि जब तक उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होंगे, काम नहीं करेंगे। जानकारी होने पर प्राचार्य डॉ. मयंक सिंह, सीएमएस डॉ. सचिन माहुर, एमएस डॉ. खुश्तर हैदर के साथ ही अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए । जूनियर चिकित्सकों ने भी अंकित साहू आदि के खिलाफ मारपीट करने, काम में बाधा डालने, तोड़फोड़ करने आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित तहरीर दी।फिलहाल पुलिस द्वारा दोनों पक्षों के शिकायती पत्र की जांच पड़ताल कर रही है। सीएमएस ने बताया कि फिलहाल चिकित्सीय सेवाएं बहाल हैं और भर्ती सभी मरीजों का उपचार किया जा रहा है।