झांसी। नोटक्षीर बनगुवां बरूआसागर स्थित गिरवरधारी जू महाराज के 25 वें पावन प्राकट्य महा महोत्सव एवं श्री हनुमंत महायज्ञ के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास बुंदेलखण्ड धर्माचार्य महंत राधामोहन दास महाराज ने श्रीमद भागवत के महात्म का वर्णन किया। आपने श्रीमद भागवत ग्रंथ को कल्पवृक्ष का पका हुआ फल बताया।

उन्होंने कहा कि सन्त कृपा के बिना सत्संग शुलभ नहीं होता है। मानस में गोस्वामी तुलसीदास लिखते हैं कि ” बिन सत्संग विवेक न होई, प्रभु कृपा बिन शुलभ न होई!” महर्षि नारद और भक्ति महारानी का संवाद कहते हुए महाराज श्री ने आत्मदेव के पुत्र गौकर्ण और धुंधकारी की कथा का विस्तार से वर्णन किया।

प्रात:कालीन बेला में यज्ञाचार्य रामलखन उपाध्याय एवं पं.अनिल तिवारी ने श्री गणेश पूजन, कलश पूजन,व्यास पीठ पूजन एवं पुराण पूजन विधि विधान से कराया। इससे पूर्व पारीक्षित ममता अजय अग्रवाल, दीर्घा विजयी चौधरी,गीता राजेंद्र अग्रवाल ,मुस्कान धीरज कुशवाहा, रमा आशाराम कुशवाहा, राजेश्वरी कोमल सिंह सिजरिया, जयकुंवर लालाराम कुशवाहा, सुनीता रामसिंह, फूलवती बृजमोहन साहू,रज़नी मारुति दीक्षित एवं गिरवरधारी जू मंदिर के पुजारी मदनमोहन दास एवं राधाबल्लभ महाराज श्रीधाम वृंदावन ने महाराजश्री का माल्यार्पण कर श्रीमद भागवत पुराण की आरती उतारी। अंत में व्यवस्थापक परमानंद दास ने आभार व्यक्त किया।

रात्रि में श्रीधाम वृंदावन धाम से पधारे श्रीहित आदर्श कृष्णकला भक्तमाल चरित्र रामलीला मंडल के कलाकारों ने स्वामी देवेंद्र वशिष्ठ के निर्देशन में मुनि आगमन, ताडका सुवाऊ मारीच वध, गंगा अवतरण एवं नगर दर्शन की लीला का मनमोहक मंचन किया।