स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट ने सीनियर अधिकारी के खिलाफ FIR के दिए आदेश, 11 साल बाद आया फैसला
ग्वालियर/झांसी। उत्तर मध्य रेलवे के मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिथौली स्प्रिंग फैक्ट्री के टेक्नीशियन ने रिटायर होने के बाद भी न्याय के लिए अपना संघर्ष जारी रखा। उन्होंने विभाग से लेकर विशेष न्यायालय तक कानूनी लड़ाई लड़ी। ऐसे में 11 साल बाद रेलवे गेस्ट हाउस से बेड-कुर्सी खुर्दबुर्द करने के आरोपी सीनियर अधिकारी के खिलाफ कोर्ट ने FIR के आदेश दिए हैं।
दरअसल, 2014 में उमरे के ग्वालियर के सिथौली स्थित रेलवे स्प्रिंग कारखाना गेस्ट हाउस का यह पूरा मामला है। जहां तत्कालीन रेलवे के टेक्नीशियन ग्रेड-01 कप्तान सिंह ने बड़ी चोरी पकड़ी। कप्तान सिंह ने देखा कि तत्कालीन वरिष्ठ रेलवे अधिकारी विवेक प्रकाश के बंगले में रेलवे गेस्ट हाउस से 4 कुर्सियां और डबल बेड ले जाया जा रहा था। फर्जी गेट पास के जरिये रेलवे की संपत्ति चुराते हुए कप्तान सिंह ने पकड़ा था।
उन्होंने इस मामले में अपने आला अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन कार्रवाई होना तो दूर शिकायत न करने के उन पर कई तरह के दबाब डाले गए। लिहाजा उन्होंने रेलवे विशेष कोर्ट की ओर रुख किया। इस बीच रेलवे के टेक्नीशियन ग्रेड-01 पद से 2022 में कप्तान सिंह रिटायर हो गए। उसके बावजूद कप्तान सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और केस लड़ते रहे। न्यायालय में सुनवाई के दौरान पेश किए गए सबूत और गवाहों के आधार पर 11 साल बाद स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट ने केस में बड़ा आदेश दिया है।
कोर्ट ने रेलवे में सिलेक्शन लेवल के अधिकारी विवेक प्रकाश के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। कप्तान सिंह का कहना है कि देर हो सकती है लेकिन सच की हमेशा जीत होती है। न्याय के लिये कई तरह की मानसिक प्रताड़ना भी उन्हें झेलनी पड़ी। लेकिन आखिरकार न्यायालय ने अपना आदेश दिया। इससे न्याय की जीत हुई और उनका संघर्ष रंग लाया।