झांसी। मां की ममता की छांव व छोटे भाई के साथ बिताए खुशियों के पल से दूर फिर से अकेलेपन ने 13 वर्षीय किशोर को मौत के आगोश में धकेल दिया। मां व भाई से मिल कर लौटने के लगभग 19 घंटे बाद उसने पिता के सरकारी आवास में बाथरूम में शावर से लटके फंदे को गले में कस कर आत्महत्या कर ली।

झांसी में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. एमके सिंह के बेटे आकर्ष (13) ने मंगलवार दोपहर उस समय बाथरूम के अंदर फंदा लगाकर जान दे दी जब पिता ड्यूटी पर थे। शाम को पिता के आवास पर पहुंचने पर उसका शव बाथरूम के भीतर शावर के सहारे फंदे से लटका मिला। बेटे के फंदे से लटका देखने के बाद से पिता डा. एमके सिंह की हालत खराब हो गयी तो किसी तरह उनके साथियों ने उनको संभाला। पुलिस जब आकर्ष का शव पोस्टमार्टम हेतु लेकर जा रही थी, डा. सिंह बेहोश होकर गिर पड़े थे।

प्रो. एमके सिंह कृषि विश्वविद्यालय में एग्रोनॉमी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उनकी पत्नी शर्मिष्ठा आंबेडकर नगर में प्राइमरी विद्यालय में शिक्षिका हैं। उनके दो बेटे हैं। ढाई साल का बेटा मां शर्मिष्ठा के साथ रहता है। डा. सिंह के साथ उनका बड़ा बेटा आकर्ष विश्वविद्यालय परिसर स्थित सरकारी आवास में रहता था। वह यहां कक्षा नौ में अध्यनरत था।

आसपास के लोगों ने छानबीन के दौरान पुलिस को बताया कि मंगलवार से आकर्ष का स्कूल खुलने वाला था। इसके चलते सोमवार शाम को वह मां के पास से वापस लौटा था। यहां आने के बाद से वह काफी उदास था। आकर्ष सोमवार को घर से बाहर नहीं निकला था। असिस्टेंट प्रोफेसर डा. एमके सिंह के पड़ोसियों का कहना था घर में सिर्फ पिता पुत्र ही अकेले रहते थे। डा. सिंह के ड्यूटी पर चले जाने के बाद आकर्ष पूरे घर में अकेला रहता था। इससे वह उदास रहता था लेकिन, किसी को उसके इस तरह आत्मघाती कदम उठा लेने की उम्मीद नहीं थी। पुलिस की छानबीन में आकर्ष के अकेलेपन की वजह से आत्महत्या सामने आई है। उसके मोबाइल फोन को पुलिस ने कब्जे में ले लिया।