दावा – महाविद्यालय के नाम पर कोई दूसरी पुरातन छात्र समिति रिकॉर्ड में नहीं
झांसी। बुन्देलखण्ड महाविद्यालय (बीकेडी) पहली बार अपना स्थापना वर्ष एवं पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन 12 जुलाई को भव्यता से करने जा रहा है। समारोह में कॉलेज के प्रारंभिक 7 छात्रसंघ अध्यक्षों एवं 75 वर्ष की आयु से ऊपर के पूर्व अध्यापकों/प्रोफेसरों/प्राचार्यों का सम्मान किया जाएगा। इसके साथ-साथ विभिन्न क्षेत्र की विभूतियों एवं कॉलेज की प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहित करने हेतु मेघावी छात्र/छात्राओं का सम्मान किया जाएगा।
पुरातन छात्र समिति के पदाधिकारियों ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। यह कार्यक्रम अपने आप में भव्य होगा। कार्यक्रम में सबसे पहले 11:00 बजे से रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होगा। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन समिति के संरक्षक मण्डल द्वारा 12:00 बजे किया जाएगा। कार्यक्रम में पधारे सभी छात्र/छात्राओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि भविष्य में भी समिति कॉलेज की प्रगति एवं छात्र-छात्राओं की उन्नति के लिए कार्य करती रहेगी। समिति का प्रयास होगा कि कॉलेज के सभी छात्र/छात्राओं को आगे बढ़ने, अपनी प्रतिभा दिखाने के समान अवसर मिले, अर्थ के अभाव में भी कोई प्रतिभा पीछे ना छूट जाए। शिक्षा के साथ-साथ खेल, संगीत, साहित्य, कला आदि सभी क्षेत्रों में कॉलेज के छात्र/छात्रा आगे बढ़ें और कॉलेज का नाम रोशन करें। इसके लिए जो भी प्रयास करने पड़ेंगे किए जाएंगे।
मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने बताया कि इस समारोह में भाषणबाजी को स्थान नहीं दिया गया है। महाविद्यालय के नाम पर कोई दूसरी पुरातन छात्र समिति रिकॉर्ड में नहीं है। पुरातन छात्रों ने मिलकर एक पुरातन छात्र समिति का गठन शासन की मंशानुसार किया है जिसमें संरक्षक सदस्य, आजीवन सदस्य एवं सामान्य सदस्य भी बनाए हैं।
कॉलेज की प्रगति में रुकावट बना कोठारी भवन जिसमें चुनाव आयोग का ताला पड़ा हुआ है को खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कोठारी भवन में खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियां प्रारम्भ की जा सकें और परीक्षायें भी आयोजित की जा सकें। भवन को खाली कराने का जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था, जिस पर कार्यवाही भी शुरू हो गई है।
वार्ता में मुख्य संरक्षक प्राचार्य प्रो. एस.के. राय, अध्यक्ष प्रदीप सरावगी, सचिव विवेक बाजपेयी, डॉ.सुदर्शन शिवहरे, डॉ. अरविन्द सिंह परमार, डॉ. मनमोहन मनु, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, नन्दकिशोर भिलवारे, नीलू साहू, हरीश लाला, ओपी यादव, रवीश त्रिपाठी, अनिल रिछारिया आदि उपस्थित रहे।














