24 मोबाइल, एक लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद
झांसी। कोतवाली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए छह सटोरियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से 24 मोबाइल, एक लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं। दुबई में रहने वाला गिरोह का मुख्य एडमिन फरार है। पुलिस को कई देशों में यहां से सट्टा खिलावाने की जानकारी मिली है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
गौरतलब है कि कोतवाली क्षेत्र में दो वर्ष पहले प्रतिबंधित मोबाइल एप का मास्टर माइंड गिरफ्तार हुआ था। उससे मिले सुराग के बाद कई अन्य युवकों को भी पकड़ा लेकिन, कुछ समय बाद यह सभी जमानत पर बाहर आ गए। झांसी को भी कुछ समय के लिए इन लोगों ने छोड़ दिया। पुलिस की मानें तो पिछले करीब एक साल से दोबारा से यह गिरोह सक्रिय हो गया। मोहल्ले-मोहल्ले में युवकों को एजेंट बना रहे थे। सूत्रों की मानें तो आईपीएल के दौरान इस गिरोह ने करोड़ों का सट्टा खिलवाया लेकिन, पुलिस को भनक तक नहीं लगी। मंगलवार आधी रात सुराग मिलने पर पुलिस ने कोतवाली इलाके से पांच युवकों को पकड़ लिया हालांकि एक युवक पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। कोतवाल राजेश पाल के मुताबिक आरोपी युवकों से पूछताछ की जा रही है।
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि उन्नाव गेट निवासी फरीद उर्फ बाबा मिस्त्री के घर पर दबिश देने पर पुलिस को वहां से अलीगढ़ पलाईसी निवासी सुमित सिंघानिया, रिंकू जाटव, सौरव, मथुरा के सारंग विहार कॉलोनी निवासी योगेश चौधरी, नरौली निवासी कृष्णा राणा एवं दतिया निवासी राजा अहिरवार सट्टा का खेल ऑपरेट करते हुए पकड़े गए। इनके पास से 26 मोबाइल फोन समेत लैपटॉप बरामद हुए हैं। पूछताछ में मालूम चला कि बारकोड और यूपीआई नंबर की मदद से पैसों का लेनदेन होता था। इस मोबाइल एप का मुख्य एडमिन के तौर पर निशांत यादव उर्फ रोलेक्स का नाम सामने आया। वह अभी दुबई में रहता है।
वहीं, मथुरा निवासी योगेश चौधरी और कृष्णा राणा ने बाकायदा दुबई जाकर ग्रुप ऑपरेट करने की ट्रेनिंग ली थी। उसके बाद दोनों यहां आकर अपने एजेंट बनाकर सट्टा खिलाने थे। एसपी सिटी के मुताबिक योगेश और कृष्ण बीटेक कर चुके हैं। बीटेक करने के बाद से दोनों सट्टेबाजी का गिरोह चला रहे थे।