- गैर संचारी रोगियों का ब्योरा होगा एएनएम के टैबलेट में
झांसी। अब शहरी-ग्रामीण इलाकों के मरीजों की बीमारियों का विवरण ऑन लाइन रहेगा। इसके लिए एएनएम (आक्स्जेलरी नर्स मिडवाइफ ) को अनमोल कार्यक्रम के अंतर्गत टैबलेट दिये गए हैं। इस टैबलेट को कैसे इस्तेमाल करना है उसके लिए कुछ ब्लॉकों की एएनएम को प्रशिक्षित किया गया है बाकी बची एएनएम को जल्द ही प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे वह अपने-अपने क्षेत्र के मरीजों के बारे में संपूर्ण जानकारियां इसी टैबलेट में भर सकें।
जनपद में यह टेबलेट 326 उपकेन्द्रों पर व 58 शहरी क्षेत्र में बांटे गए है। इन सभी केन्द्रों की एएनएम को अपने-अपने क्षेत्र के मरीजों की स्वास्थ सम्बन्धी काम टैबलेट पर ऑन लाइन करने होंगे ताकि ऐसे मरीजों को उपचार करने में आसानी हो सके और गंभीर मरीजों का समय.समय पर फॉलोअप भी किया जा सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ऋषिराज ने बताया कि शासन ने टैबलेट बांटने का निर्णय लिया है। जनपद में मांग के अनुरूप टैबलेट आ चुके हंै तथा एएनएम को टैबलेट वितरण कर कुछ ब्लॉको की एएनएम को प्रशिक्षित भी किया गया है ताकि विवरण भरने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि एएनएम को प्रशिक्षण के दौरान यह समझाया गया है कि विवरण भरते समय पूरी सावधानी बरते। अगर विवरण भरने में लापरवाही बरती गई और विवरण पोर्टल पर अपलोड हो गया है तो उसमें सुधार की भी कोई गुंजाइश नहीं है।
डीपीएम ने बताया कि इस टैबलेट में 3 तरह के एप डाउनलोड किये गए है जिसमें अनमोल, आईडीएसपी और एनसीडी का एप डाला गया है और तीनों ही एप इस्तेमाल किये जाने है जिसमें पूरा विवरण भरा जाएगा। उन्होंने बताया कि अनमोल एप में एएनएम 15 से 49 वर्ष के समस्त दंपत्तियों का डेटा अपलोड किया जाना है जिससे 15 से 49 के मध्य दी जाने वाली समस्त संभावित सेवाएं सुनिश्चित की जा सके जैसे गर्भवस्था, गर्भवस्था के उपरांत 6 से 7 ग्रह भ्रमण, ब’चे का जन्म, टीकाकरण, गंभीर रिस्क वाली चिन्हित गर्भवती महिला का फॉलोअप इत्यादि। इसके अतिरिक्त प्रजनन आयु में परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के इस्तेमाल हेतु प्रजनन वर्ग का चयन समस्त रिकॉर्ड इस एप के माध्यम से किया जा सकेगा। एनसीडी एप की सहायता से एएनएम अपने-अपने क्षेत्र में शुगर, ब्लड प्रेशर, मानसिक रोग, तंबाकू जनित रोग और हृदय संबंधी जैसे गैर संचारी रोगों के मरीजों का पूरा विवरण टैबलेट में भरेंगी। आईडीएसपी एप की सहायता से मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, कुष्ठ रोग आदि बीमारियों का डाटा देना पडेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल एनसीडी एप पर काम शुरू होना है जिसका प्रशिक्षण डॉ वर्मा, प्रशांत, बीसीपीएम चिरगांव धर्मेंद्र और हलीम एचएमआईएस ऑपरेटर द्वारा समस्त एएनएम को दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि टैबलेट को किसी तरह के निजी प्रयोग में नहीं लाना है। टैबलेट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसमें सिर्फ विभागीय काम ही हो सकेंगे। टैबलेट में सिम डालकर काम करना है। इस काम में ब्लाक स्तर पर ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) मदद करेगा। वह पूरी फीडिंग की मॉनीटरिंग करेगा और एएनएम व सीएचओ की मदद करेगा।