झांसी। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एवं बुन्देलखण्ड कॉलेज, झाँसी के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 23 अगस्त को बुन्देलखण्ड कॉलेज, झाँसी के स्वामी विवेकानन्द सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन एवं अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. एस.के. राय, मुख्य अतिथि रा.शै.महा. के प्रांत संयुक्त सचिव नरेंद्र पस्तोर, विशिष्ट अतिथि बी.बी.सी. कॉलेज के प्राचार्य प्रो. टी.के. शर्मा ने की। मुख्य अतिथि नरेंद्र पस्तोर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के राष्ट्रीय दृष्टि को रेखांकित करते हुए कहा कि परंपरागत शिक्षा व्यवस्था में समय की मांग के अनुसार बदलाव लाकर यह नीति बनाई गई है जो व्यक्तित्व निर्माण, समाज की समतामूलक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल देती है।

विशिष्ट अतिथि एवं ए.वी.आर.एस.एम. के उपाध्यक्ष प्रो. टी.के. शर्मा ने नई शिक्षा व्यवस्था को उद्यमशील एवं पूंजीवादी सोच से बाहर लाने वाला बताया। अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के बुन्देलखण्ड इकाई के महामंत्री प्रो. जितेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि इस शिक्षा नीति ने स्थानीयता को महत्व दिया और स्थानीय भाषा में शिक्षा देने की व्यवस्था बताया तथा कहा कि इसे लागू करने में जल्दी बाजी की गई अन्यथा इससे उच्च शिक्षा में और व्यापक बदलाव लाए जा सकते थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ए.वी.आर.एस.एम. के उपाध्यक्ष एवं प्राचार्य प्रो. एस.के. राय ने कहा कि देश के हर एक वर्ग से फीडबैक के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को तैयार किया गया है इसमें सम्यक ज्ञान, सम्यक विचार एवं समदृष्टि को वरीयता दिया गया है। इसका अनुपालन करने में व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने की आवश्यकता है। यह शिक्षा व्यवस्था समालोचनात्मक सोच एवं रचनात्मकता को विकसित कर समस्या समाधान जैसे कौशल विकसित करने में मदद करती है, जिससे वैश्विक मंच पर भारतीय प्रतिभा अपना स्थान बना सके।

इस मौके पर प्रो. विजय यादव, प्रो. नूतन अग्रवाल, प्रो. मंजरी दमेले, प्रो. नवेन्द्र सिंह, प्रो. नीलम सिंह, प्रो. अजीत सिंह, डॉ. कमलेश सिंह, डॉ. नागेंद्र सिंह, डॉ. रामानंद जयसवाल, डॉ. हिमानी, डॉ. संतोष रानी, डॉ. नरेंद्र गुप्ता, डॉ. रामदरश सिंह यादव, डॉ. धर्मेन्द्र पाण्डे, श्री राजेश कुमार, डॉ. नीता राय, डॉ. कल्पना, डॉ. रामआसरे राजपूत, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. उमेश चन्द्र यादव, डॉ. अमित कुमार, डॉ. विवेक कुमार सिंह, डॉ. रावेन्द्र सिंह यादव, डॉ. रोबिन कुमार सिंह, डॉ. ए.पी.एस. गौतम, आदि शिक्षकों ने अपने विचार रखते हुए और बेहतर तरीके से क्रियान्वयन पर उपाय सुझाए। संचालन एबीआरएसएम के बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय इकाई के महामंत्री प्रो. जितेन्द्र कुमार तिवारी ने किया।