झांसी। बिपिन बिहारी महाविद्यालय बुन्देलखण्ड क्षेत्र का एक प्रतिष्ठित महाविद्यज्ञलय रहा है किन्तु महाविद्यालय को वर्तमान में किसी की बुरी नजर लग गयी। विगत ८-९ वर्षों से न्यायालय में विवाद होने के कारण प्रबंधतंत्र नहीं है। महाविद्यालय केवल कार्यवाहक या इंचार्ज प्राचार्यों के भरोसे चल रहा है। प्रबंधतंत्र न होने के कारण कार्यवाहक प्राचार्य स्व्’छंद और निरंकुश होकर कार्य करते रहे है। इसमे एक पूर्व कार्यवाहक प्राचार्य डा. एमएम पाण्डेय की कारस्तानी उजागर हुई। महाविद्यालय प्रबन्धक द्वारा संचालित होने वाले अनुरक्षण खाते का डा. एमएम पाण्डेय द्वारा अवैध संचालन कर वित्त वर्ष २०१४-१५ और २०१५-१६ में ७५८४९४ रूपये का धन निकासी कर शासकीय राजस्व का अपव्यय किया। उक्त धनराशि को निदेशक (उ.शि.) इलाहाबाद ने अपने पत्र के द्वारा क्षेत्रीय उ’च शिक्षा अधिकारी झांसी को अनुरक्षण खाता संख्या २०३ में जमा करने का निर्देश दिया है। इसके पूर्व भी निदेशक (उ.शि.) इलाहाबाद ने २८ मार्च २०१९ को वित्तीय अनियमितता की जांच हेतु आदेश दिया है जिसमें जांच समिति भी चल रही है। ऐसे में महाविद्यालय के कई महत्वपूर्ण खाते जैसे गेम, शुल्क, एनएसएस व विकास आदि है। जिनकी जांच होने पर व्यापक वित्तीय अनियमितता संभव है। विकास के नाम पर लाइब्रेरी, डिजीटल, कम्प्यूटर खरीद, निगरानी कैमरा आदि खरीद में व्यापक घोटाला हुआ है। जिससे जांचोपरांत ही पर्दा उठेगा। किन्तु डा. एमएम पाण्डेय के इस कृत्य से उकना पेंशन और फण्ड भुगतान पर फिलहल विराम लग गया है। उक्त जानकारी बिपिन बिहारी महाविद्यालय शिक्षक संघ झांसी के महामंत्री एच.डी.भारतीय ने दी है।