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झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में एक आवास में अवर अभियंता (जेई) का शव संदिग्ध अवस्था में मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस व फॉरेंसिंक टीम ने जांच पड़ताल कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के परिजनों ने मौत पर सवाल खड़े करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस पूरे प्रकरण में जांच कर रही है।

उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा के छत्ता थाना क्षेत्र निवासी 50 वर्षीय अमरीश गौतम बुंदेलखंड विश्विद्यालय में जेई के पद पर कार्यरत थे। उनकी पत्नी पूनम कोटा में अपने बेटे के पास गई थीं। पत्नी ने शुक्रवार को कई बार फोन किया, किंतु अमरीश ने कॉल रिसीव नहीं की। परेशान होकर पूनम ने गणित के शिक्षिका को आवास पर भेजा। जब वह पहुंची, तब दरवाजा अंदर से बंद था। कई बाद खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर में नवाबाद पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस के दरवाजा तोड़ा तो उनका शव बिस्तर पर पड़ा मिला। पुलिस के मुताबिक शरीर पर बाहरी चोट के कोई निशान नहीं मिले।

्आशंका जाहिर की जा रही की उनकी मृत्यु करीब तीन से चार घंटे पहले हो चुकी थी। घटना स्थल पर फोरेंसिक टीम बुलाकर जांच पड़ताल कर साक्ष्य एकत्रित किए गए। पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट होगा कि उनकी मृत्यु किन कारणों के चलते हुई है। सूत्रों ने बताया कि एक विभागीय जांच के चलते वह अवसाद में रहते थे। मृतक के परिजनों ने विश्विद्यालय के एक अफसर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उस अफसर ने मृतक से आगरा में अपना आवास बनवाया था, किंतु उसका लाखों रुपए का भुगतान नहीं दिया। जिसके चलते अमरीश परेशान रहने लगे उन्होंने कई बार शिकायती पत्र दिए लेकिन उनके शिकायती पत्रों पर कोई जांच नहीं की गई।

आरोप है कि नियमों को ताक पर रखते हुए अमरीश गौतम को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि अमरीश ने तीन साल से अपील भी डाल रखी थी जिस पर आज तक सुनवाई नहीं की गई। बाकी घटना के संबंध में कई चिट्ठियां पत्र अमरीश लिख रखी हैं। मामला जो भी हो, किंतु जेई की मौत रहस्य बनी हुई है।