• कुपोषित बच्चों के माता पिता को भर्ती कराने से 5 दिन पूर्व दे सूचना
    झांसी। मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील प्रकाश ने मेडिकल कॉलेज मे स्थिति पोषण पुनर्वास केंद्र का आज निरीक्षण किया। पोषण पुनर्वास केंद्र मे बच्चों की भर्ती के सम्बन्ध मे जानकारी लेने के बाद सीडीओ ने जनपद से कुपोषण को दूर करने के लिए एक रूपरेखा निर्धारित कर काम करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग व आईसीडीएस विभाग के सदस्यों के साथ बैठक की।
    बैठक में सीडीओ ने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को निर्देश दिया कि वह अपने अपने ब्लॉक में प्राथमिकता के आधार पर कुपोषित बच्चों की एक सूची बनाएं, पोषण पुनर्वास में भर्ती बच्चों का समय पूरा होने से पहले सीडीपीओ बनाई गई सूची के आधार पर बच्चों का चयन कर उनके माता पिता को 5 दिन पूर्व ही बच्चे को एनआरसी भेजने की सूचना दें। साथ ही व्यवहारिक पहलुओं को ध्यान में रखकर उनकी सकारात्मक काउंसिलिंग करें जिससे अभिभावक 15 दिन एनआरसी में रुककर अपने बच्चे के पोषण स्तर में सुधार ला सकंे।
    एनआरसी तक आने वाले बच्चों को ओपीडी में जांच के लिए पर्चे बनवाने में लगने वाली लंबी लाइन से भी छुटकारा मिल गया है। सीडीओ ने बाल रोग विशेषज्ञ विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ओमशंकर चौरसिया को निर्देश दिये कि स्टाफ का पर्चा बनवाने वाले काउंटर पर ही अब पोषण पुनर्वास केंद्र में जांच के लिए आए बच्चों का पर्चा बनेगा जिससे कि उन्हे किसी प्रकार की समस्या न हो। वर्तमान में मेडीकल कॉलेज में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में 18 कुपोषित बच्चे भर्ती हैं जिन्हें कुपोषण की अवस्था से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि हम सबको मिलकर कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लडऩी है। जिससे कि कुपोषित बच्चों के इस अवस्था से उबरा जा सके। यह लड़ाई सभी विभाग के सहयोग के बिना सफल नही हो सकती। बैठक में आरबीएसके के नोडल डॉ नरेश अग्रवाल, आरबीएसके डीईआईओ मैनेजर डॉ रामबाबू, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सपना, डॉ आराधना, जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) रामेश्वर पाल, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी विजश्री शुक्ला, सभी स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी, आरबीएसके टीम के सदस्य, सभी ब्लॉक के सीडीपीओ व अन्य लोग मौजूद रहे।