“साहित्य की यात्रा” पत्रिका के चौथे संस्करण का विमोचन

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका “साहित्य की यात्रा” के चौथे संस्करण का विमोचन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय द्वारा किया गया। यह पुस्तक विभागीय संकाय एवं विद्यार्थियों के साहित्यिक, अकादमिक और सृजनात्मक प्रयासों का उत्कृष्ट संकलन है, जो हिंदी विभाग की निरंतर प्रगति और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो रही है। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त तथा सियाराम शरण गुप्त की कृतियों की पांडुलिपियों को पांडुलिपि दीर्घा में स्थापित किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है और विश्वविद्यालय का हिंदी विभाग इस दर्पण को और अधिक उज्ज्वल बना रहा है। इस प्रकार के प्रकाशन न केवल विद्यार्थियों में लेखन के प्रति अभिरुचि जगाते हैं, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाते हैं। उन्होंने विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए इसे विश्वविद्यालय की बौद्धिक और सृजनात्मक शक्ति का प्रतीक बताया।

कुलपति ने कहा कि हिंदी विभाग ने बीते तीन वर्षों में उल्लेखनीय विकास किया है। प्रो. मुन्ना तिवारी के नेतृत्व में विभाग ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विभाग के मुख्य द्वार के समीप स्थित केशव संवाद सभागार बुंदेलखंड और हिंदी के मूर्धन्य रचनाकारों से आपका परिचय करवाता है। विभाग का पुस्तकालय बेहद संपन्न है। यहां स्थापित पांडुलीपि दीर्घा देश में एकमात्र स्थल है जहां 300- 400 वर्ष पुरानी पांडुलिपियां भी संग्रहित है। नैक टीम द्वारा भी इस विभाग की काफी सराहना की गई थी। इसका पूरा श्रेय प्रो. मुन्ना तिवारी के कुशल नेतृत्व क्षमता और कर्मठता को जाता है।

कुलसचिव ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि “साहित्य की यात्रा” जैसी रचनात्मक पहलें विद्यार्थियों को चिंतनशील बनाती हैं और उन्हें अपने विचार अभिव्यक्त करने का मंच प्रदान करती हैं। उन्होंने हिंदी विभाग को इस सामूहिक प्रयास के लिए बधाई दी। संपत्ति अधिकारी प्रो. सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रकाशन न केवल विभागीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। विभाग के संस्थापक अधिकत प्रो. मुन्ना तिवारी ने विभाग के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इसी तरह की सृजनात्मक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लें।

हिंदी विभाग के निर्वतमान अध्यक्ष प्रो मुन्ना तिवारी ने कहा कि साहित्य की यात्रा हिंदी विभाग द्वारा किए गए कार्यों का परिचायक है। विभाग द्वारा वर्ष  भर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिससे विद्यार्थी लाभान्वित होते हैं। इस पत्रिका के तीसरे अंक का विमोचन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल द्वारा किया गया था। उन्होंने बताया कि इस पत्रिका को तैयार करने में शोधार्थी आकांक्षा सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साल भर हुई गतिविधियों का डाटा एकत्रित करने से लेकर उसका रचनात्मक संकलन कर पठनीय बनाने का कार्य आकांक्षा द्वारा किया गया है। वह इसके लिए बधाई की पात्र हैं।

कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की डॉ. अचला पांडेय ने व आभार डॉ श्रीहरि त्रिपाठी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ बिपिन प्रसाद, डॉ आशीष दीक्षित, डॉ प्रेमलता श्रीवास्तव, डॉ गरिमा, डॉ.रिचा समेत सभी शिक्षक तथा विद्यार्थी मौजूद रहे।