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सड़क न होने से बेबस हुए परिजन

झांसी। जिले के बंगरा ब्लॉक के खिरक छिगेवारा-मंजूवारा गांव में गडढे व दलदल युक्त रास्ते के कारण मजबूरन गर्भवती को बैलगाड़ी में लिटाकर 3 किमी दूर सड़क पर खड़ी एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया। सफर का दर्दनाक वीडियो वायरल होने से शासन प्रशासन के दावों पर सवाल खडे हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद अब तक सड़क नहीं बनी।

दरअसल सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। पहला वीडियो 1 मिनट 28 सेकंड और दूसरा 39 सेकंड का है। इनमें देखा जा सकता है कि गड्ढे व कीचड़ भरे रास्ते से बैलगाड़ी गुजर रही है। बैलगाड़ी पर तीन महिलाएं बैठी हैं, जिनमें एक महिला अपने नवजात बच्चे को गोद में लिए हुए है। जब बैलगाड़ी कीचड़ में फंस जाती है, तो ग्रामीण उसे धक्का देकर निकालते हैं।

ग्रामीणों के अनुसार गांव तक मुख्य मार्ग से एक कच्चा रास्ता जाता है। यह गड्ढे यक्त है। दो दिन पहले हुई बारिश से यह रास्ता दलदल में तब्दील हो गया। इससे आने-जाने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसी दौरान गांव निवासी चंद्रभान कुशवाहा की पत्नी सोमवती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई लेकिन कीचड़ की वजह से न तो एम्बुलेंस पहुंच पाई और न ही कोई अन्य वाहन मजबूरी में परिवारवालों ने रातभर इंतजार किया और सुबह बैलगाड़ी से महिला को तीन किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया।

मुख्य सड़क पर पहुंचने के बाद एम्बुलेंस के जरिए सोमवती को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म के बाद वापस लौटते समय भी परिवार को उसी बैलगाड़ी के सहारे घर पहुंचना पड़ा। इस दर्दनाक यात्रा का वीडियो अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पति चंद्रभान कुशवाहा के अनुसार उनकी पत्नी सोमवती को रात 12 बजे प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन रास्ता न होने से रात में नहीं जा सके। सुबह साढ़े पांच बजे बैलगाड़ी से निकले और सड़क से एम्बुलेंस पकड़ी। लौटते वक्त गाड़ी कीचड़ में फंस गई, धक्का लगाकर निकालना पड़ा।

बताया गया है कि गांव में करीब 600 लोगों की आबादी है, लेकिन आज तक पक्की सड़क नहीं बनी। ग्रामीण वर्षों से शिकायतें कर रहे हैं, पर कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा. वायरल वीडियो ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है।